Zomato, स्विगी को 500 करोड़ रु का GST नोटिस, ग्राहकों से डिलीवरी फीस वसूलने से जुड़ा है मामला
GST Notice To Zomato & Swiggy: जोमैटो और स्विगी ने टैक्स नोटिस पर कोई टिप्पणी की है। जोमैटो और स्विगी के अनुसार, 'डिलीवरी चार्ज' कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं।
ज़ोमैटो और स्विगी को जीएसटी नोटिस
मुख्य बातें
- जोमैटो और स्विगी को टैक्स नोटिस
- डिलीवरी फीस वसूलने से जुड़ा है मामला
- 3 रु प्रति ऑर्डर का लेती हैं चार्ज
रिपोर्ट्स के मुताबिक टैक्स अधिकारियों और इन फूड डिलीवरी ऐप्स के बीच इस डिलीवरी फीस को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है। इस समय ये विवाद करीब 1000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
क्या है डिलिवरी चार्ज
फिलहाल जोमैटो और स्विगी ने टैक्स नोटिस पर कोई टिप्पणी की है। जोमैटो और स्विगी के अनुसार, 'डिलीवरी चार्ज' कुछ और नहीं बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स द्वारा वहन की जाने वाली लागत है जो घर-घर खाना पहुंचाने जाते हैं। उनके मुताबिक कंपनियां बस ग्राहकों से वह लागत वसूलती हैं और इसे डिलीवरी पार्टनर्स को दे देती हैं। लेकिन, रिपोर्ट के मुताबिक टैक्स अधिकारी इससे सहमत नहीं हैं।
बढ़ाया गया डिलीवरी चार्ज
पिछले महीने, स्विगी ने खाने के ऑर्डर के लिए प्लेटफॉर्म शुल्क दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये कर दिया था। स्विगी के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि प्लेटफ़ॉर्म शुल्क में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है। अधिकतर सर्विस प्रोवाइडर यह चार्ज लेते हैं, और इंडस्ट्री में यह एक आम बात है।
जोमैटो का कितना है चार्ज
अप्रैल में, स्विगी ने कार्ट प्राइस से इतर प्रति ऑर्डर दो रुपये का प्लेटफॉर्म शुल्क लागू किया था। वहीं जोमैटो ने अगस्त में अपना प्लेटफ़ॉर्म शुल्क भी शुरुआती दो रुपये से बढ़ाकर तीन रुपये प्रति ऑर्डर कर दिया। ज़ोमैटो ने ज़ोमैटो गोल्ड यूजरों से भी प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लेना शुरू कर दिया, जिन्हें पहले छूट दी गई थी।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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