GST Tax Evasion: जीएसटी टैक्स चोरी पड़ेगी महंगी, AI से रखी जा रही है नजर

GST Tax Evasion: जीएसटी रिफंड और इनपुट टैक्स क्रेडिट में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार ने नकेल कसना शु्रू कर दिया है। इसके लिए बिजनेस इंटेलिजेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का इस्तेमाल किया रहा है।

जीएसटी टैक्स चोरों पर एआई से निगरानी

GST Tax Evasion: फर्जी तरीके से जीएसटी रिफंड और इनपुट टैक्स क्रेडिट करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कदम उठाया है। जीएसटी खुफिया अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-दिसंबर में 18,000 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) मामलों का पता लगाया है और 98 धोखेबाजों या मास्टरमाइंडों को गिरफ्तार किया है। प्राप्त फीडबैक के आधार पर बिजनेस इंटेलिजेंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग करते है फ्रॉड करने वालों को गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के मुताबिक सरकार जीएसटी रिटर्न फॉर्म में संशोधन या सुधार की सुविधा को वापस ले सकती है। संशोधन सुविधा का बड़े पैमाने पर दूरुपयोग हो रहा है।

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जांच के लिए बिजनेस इंटेलिजेंस और एआई का यूज

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सोमवार को संसद में बताया गया कि जीएसटी अधिकारी फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाने के संदिग्ध जोखिम भरे टैक्सपेयर्स की पहचान करने के लिए बिजनेस इंटेलिजेंस और फ्रॉड एनालिटिक्स जैसे डेटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का उपयोग कर रहे हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि अप्रैल-दिसंबर 2023 के दौरान सेंट्रल टैक्स अधिकारियों द्वारा गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) चोरी के कुल 14,597 मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे मामलों की अधिकतम संख्या महाराष्ट्र (2,716) में दर्ज की गई। उसके बाद गुजरात (2,589), फिर हरियाणा (1,123) और पश्चिम बंगाल (1,098) में मामले दर्ज किए गए हैं।

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