GST Return Form: GST रिटर्न फार्म में संशोधन का मिलेगा मौका,तो जानें क्यों केरल ने मांगा टैक्स में ज्यादा हिस्सा

GST Revenue Share: केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने केंद्र और राज्यों के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बंटवारे की समीक्षा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इसका 60 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को मिलना चाहिए, जबकि अभी इसे बराबर बराबर बांटा जाता है।

जीएसटी टैक्सपेयर को राहत

GST Return Form:जीएसटी करदाताओं के पास अब मासिक या तिमाही करों के भुगतान से पहले बाहरी आपूर्ति या बिक्री रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-1 में संशोधन करने का विकल्प होगा। इसके पहले जीएसटी परिषद (GST Council) ने शनिवार को अपनी बैठक में करदाताओं को कर अवधि के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1 में विवरण संशोधित करने और अतिरिक्त विवरण जोड़ने की सुविधा के लिए फॉर्म जीएसटीआर-1ए (GSTR-1A) के जरिए एक नयी वैकल्पिक सुविधा देने की सिफारिश की थी। हालांकि, उक्त कर अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी (GSTR-3B) में रिटर्न जमा करने से पहले जीएसटीआर-1ए दाखिल करना होगा।

कैसे होगा फायदा

शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी के पार्टनर रजत बोस ने कहा कि अनुपालन के नजरिये से यह एक सकारात्मक बदलाव है और इससे व्यापार करने में आसानी होगी। केपीएमजी के अप्रत्यक्ष कर प्रमुख और पार्टनर अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटीआर-1 में दिए गए विवरण में संशोधन की अनुमति देने से कर भुगतान से पहले लिपिकीय और अनजाने में होने वाली गलती को सुधारने का एक मौका मिलेगा।

राज्यों को मिले 60 फीसदी हिस्सा

इस बीच केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने केंद्र और राज्यों के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बंटवारे की समीक्षा करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि इसका 60 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को मिलना चाहिए, जबकि अभी इसे बराबर बराबर बांटा जाता है।मंत्री ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित जीएसटी परिषद की बैठक में कहा कि इस समय यह अनुपात 50:50 है और इसे राज्यों के पक्ष में 40:60 करना चाहिए।
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