अमूल के बाद अब गुजराती मिर्ची पर रार ! जानें पुष्पा से डाबी को किस बात का है डर

Gujarati Chilli Controversy : कर्नाटक के बायगाडी मंडी में गुजरात मिर्ची का मुद्दा गरमाता जा रहा है। हाल के महीनों में करीब 20 हजार क्विंटल लाल मिर्ची को मंगाया गया है। सकी वजह से कई लोकल कारोबारियों को डर सताने लगा है कि स्थानीय मिर्ची की मांग में कमी हो सकती है।

कर्नाटक में बन सकता है चुनावी मुद्दा

Gujarati Chilli Controversy after Amul vs Nandini:अमूल के बाद अब कर्नाटक में गुजरात मिर्ची पुष्पा पर नया राजनीतिक विवाद शुरु हो सकता है। एशिया की सबसे बड़ी मिर्ची मंडी में से एक बायगाडी में लोकल बनाम बाहरी का मुद्दा गरमाता जा रहा है। स्थानीय कारोबारियों और किसानों को लग रहा है कि गुजरात की मिर्ची पुष्पा के कारण उनकी लोकल मिर्ची की मांग नहीं बढ़ रही है। और उसका असर उनके कारोबार पर पड़ेगा। ऐसे में लोकल मिर्ची को बढ़ावा मिलना चाहिए। जिस तरह अमूल की बेंगलुरु में एंट्री के ऐलान के बाद राज्य में राजनीतिक विवाद बढ़ा है, उसे देखते हुए 10 मई को वोटिंग के पहले ऐसी संभावना है कि चुनावों में लाल मिर्ची बड़ा मुद्दा बन सकती है।

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क्या है मामला

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कर्नाटक में बायगाडी मंडी में यह मुद्दा गरमाता जा रहा है। असल में मंडी में गुजरात की लाल मिर्च पुष्पा बड़े पैमाने पर ट्रेडर्स ने मंगा ली है। पुष्पा को लाली भी कहा जाता है। हाल के महीनों में करीब 20 हजार क्विंटल लाल मिर्ची को मंगाया गया है। अब इसकी वजह से कई लोकल कारोबारियों को इस बात का डर है कि स्थानीय मिर्ची डाबी और कड्डी की मांग में कमी हो सकती है। ऐसे में लोकल लेवल पर यह मांग उठने लगी है कि सरकार को इसमें दखल देना चाहिए और स्थानीय प्रजाति की रक्षा करनी चाहिए।

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टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार वैसे तो मात्रा के आधार पर देखा जाय तो बायगाडी मंडी में लोकल मिर्ची की तुलना में गुजराती मिर्ची से नहीं हो सकती है। लेकिन मौसम बिगड़ने से उत्पादन में गिरावट आई है। और उसका लोकल मिर्ची की कीमतों पर दिखा है। इसकी वजह से सप्लाई भी 60 फीसदी कम हो गई है।

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