भारत में 8 लाख करोड़ रु का हलाल कारोबार, लिस्ट में दवाओं से ब्यूटी प्रोडक्ट तक
Halal Certified Products Ban In UP: हलाल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है "अनुमेय" यानी जिसकी अनुमति हो। इस्लाम धर्म में यह "हराम" के उलट होता है। हराम का अर्थ है, जिसे मना किया गया हो।
यूपी में हलाल प्रमाणित उत्पादों पर बैन
- भारत में काफी बड़ा है हलाल प्रोडक्ट्स का बाजार
- 8 लाख करोड़ रु का है बाजार
- यूपी सरकार ने लगा दिया बैन
क्या है हलाल
सबसे पहले समझिए कि हलाल क्या होता है। हलाल एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है "अनुमेय" यानी जिसकी अनुमति हो। इस्लाम धर्म में यह "हराम" के उलट होता है। हराम का अर्थ है, जिसे मना किया गया हो।
मुसलमानों के लिए, हलाल शब्द ज्यादातर खाने-पीने की चीजों से जुड़ा है। कई तरह के ब्यूटी प्रोडक्ट्स और दवाओं में जानवरों के उप-उत्पाद होते हैं। इसलिए मुस्लिम लोग उनका उपभोग करने से हलाल सर्टिफिकेट चेक करते हैं।
भारत और दुनिया में कितना बड़ा है कारोबार
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक हलाल फूड मार्केट 2021 में 1978 अरब डॉलर की थी, जिसके 2027 तक 3,907.7 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। इस समय वैश्विक हलाल फूड मार्केट करीब 2000 अरब डॉलर का है।
भारत में हलाल प्रोडक्ट की इकोनॉमी करीब 100 अरब डॉलर (8.3 लाख करोड़ रु) की है, जिसमें तेजी से ग्रोथ होती रही है। मगर यूपी सरकार के फैसले से ये प्रभावित हो सकती है।
यूपी में मुस्लिम आबादी
यूपी आबादी के लिहाज से भारत के सबसे बड़ा राज्य है। यहां मुस्लिम आबादी भी बहुत है। 2011 की जनगणना के अनुसार यूपी की कुल आबादी में 19.26 फीसदी मुस्लिम हैं यानी 3.85 करोड़। यूपी में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स पर बैन से इस मार्केट पर असर पड़ सकता है।
किन-किन चीजों पर होता है हलाल सर्टिफिकेट
आम तौर पर जिन चीजों के पैकेट पर हलाल सर्टिफिकेट होता है, उनमें दवाएं, फूड प्रोडक्ट, कॉस्मेटिक, मेडिकल इक्विपमेंट आदि शामिल हैं। यूपी सरकार की अधिसूचना के अनुसार कुछ दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और कॉस्मेटिक उत्पादों की पैकेजिंग या लेबलिंग पर हलाल प्रमाणपत्र शामिल होता है। जबकि इनसे संबंधित सरकारी नियमों में लेबल पर हलाल सर्टिफिकेशन का कोई प्रावधान नहीं है।
भारत में कौन देता है हलाल सर्टिफिकेट
भारत में हलाल सर्टिफिकेट प्राइवेट कंपनी और जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट हलाल सर्टिफिकेट जारी करते हैं। इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान सहित दुनिया भर के देशों के अपने खुद के हलाल स्टैंडर्ड हैं। हालाँकि, अभी तक कोई वैश्विक हलाल स्टैंडर्ड नहीं बन पाया है।
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