मल्टीनेशनल कंपनियों में छंटनी का दौर, लेकिन भारत में कर्मचारियों की होगी बल्ले-बल्ले, 2023 में बढ़ेगा इतना वेतन
अपने 28वें वार्षिक वेतन वृद्धि सर्वे में एऑन इंडिया (Aon India) ने पाया कि 46 प्रतिशत भारतीय कंपनियां अपने कर्मचारियों को दो अंकों की वेतन वृद्धि की पेशकश करने के लिए तैयार हैं।
46 प्रतिशत भारतीय संगठन कर्मचारियों को दो अंकों की वेतन वृद्धि के लिए तैयार
एक तरफ जहां बड़ी-बड़ी मल्टीनेशनल टेक कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा है, वहीं भारतीय कंपनियां साल 2023 के लिए अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी करने जा रही है। 2023 में वेतन में 10.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद के साथ इंडिया इंक दो अंकों में वेतन बढ़ोतरी दर्ज करना जारी रखेगा। वैश्विक पेशेवर सेवा कंपनी एओन हेविट ग्लोबल के वेतन वृद्धि सर्वे के अनुसार, भारत एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जहां आर्थिक अस्थिरता को लेकर चिंता के बावजूद अनुमानित बढ़ोतरी दो अंकों में बनी हुई है।
40 उद्योगों की 1,400 कंपनियों का सर्वे
40 उद्योगों की 1,400 कंपनियों के सर्वे में सामने आया कि इनमें से 46 प्रतिशत कंपनियों को 2023 में दो अंकों की वेतन बढ़ोतरी देने की उम्मीद है। पिछले साल वेतन में सामान्य से अधिक 10.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, क्योंकि कंपनियों ने कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में वेतन वृद्धि में भारी कटौती की थी।
हाल की छंटनी के आधार पर नौकरी करने में अनिच्छा में भी बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय संस्थानों और प्रौद्योगिकी परामर्श और सेवाओं में 8.4 और 5.7 प्रतिशत की सबसे अधिक अनैच्छिक नौकरी देखी गई, जबकि विनिर्माण और ऑटोमोटिव उद्योगों में सबसे कम 1.8 प्रतिशत और 1.9 प्रतिशत देखी गई।
46 प्रतिशत भारतीय कंपनियां करेंगी वेतन बढ़ोतरी
अपने 28वें वार्षिक वेतन वृद्धि सर्वे में एऑन इंडिया (Aon India) ने पाया कि 46 प्रतिशत भारतीय कंपनियां (लगभग 2 फर्मों में से 1) अपने कर्मचारियों को दो अंकों की वेतन वृद्धि की पेशकश करने के लिए तैयार हैं। यह पिछले 7-8 वर्षों में ऐसा करने वाले संगठनों का सबसे ऊंचा अनुपात है। एऑन ने यह भी बताया कि शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 2023 में 16.5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं, जो कि 10 वर्षों में सबसे अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में इस क्षेत्र में और अन्य प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक वेतन वृद्धि जारी है।
इन सेक्टर के कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले
इस साल शीर्ष 5 भुगतान करने वाले क्षेत्रों में ई-कॉमर्स, प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म और उत्पाद, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी), टेक परामर्श और सेवाएं और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। इस बीच टेलीकॉम, रिटेल और हॉस्पिटैलिटी के सबसे रूढ़िवादी क्षेत्र होने की संभावना है क्योंकि वे अभी भी कोविड के बाद सुधार की राह पर हैं। एओन में पार्टनर ह्यूमन कैपिटल सॉल्यूशंस, इंडिया, रूपांक चौधरी ने मीडिया को बताया कि तीन-चौथाई संगठन 9-12 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी की बात कर रहे हैं, जो बहुत खुशी की बात है।
उन्होंने आगे बताया कि इंडिया इंक ने पिछले दो साल में आक्रामक वेतन वृद्धि की है, जिसमें कुछ कंपनियां उच्च वेतन देने के कारण वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। वैश्विक रूप से जुड़े उद्योग, जैसे टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और उत्पाद, अपने वेतन बजट को लेकर कुछ हद तक सतर्क हैं। जबकि घरेलू मांग से संचालित उद्योग, जैसे कि विनिर्माण या एफएमसीजी/एफएमसीडी, अपने पांच साल के औसत की तुलना में अपनी बजट योजना को लेकर उत्साहित हैं।
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