Cryptocurrency Market: क्या साल 2025 में Crypto मार्केट में रुक गया बुल रन या और आएगी तेजी? इन फैक्टर्स के अनुसार बनाएं रणनीति

Cryptocurrency Market in 2025: 2025 की पहली तिमाही में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उछाल की उम्मीद थी, जिसे बिटकॉइन के हॉल्विंग साइकिल और डोनाल्ड ट्रंप की क्रिप्टो-सपोर्टेड नीतियों से सहारा मिलना था। हालांकि, मैक्रोइकनॉमिक दबावों और स्कैम की आशंकाओं के कारण क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई।

Cryptocurrency Market in 2025

Crypto मार्केट में आई सुस्ती

मुख्य बातें
  • Crypto मार्केट में आई सुस्ती
  • साल की शुरुआत में आई थी तेजी
  • ट्रम्प के प्रेसिडेंट बनने से मिला क्रिप्टो मार्केट को लाभ

Cryptocurrency Market in 2025: 2025 की पहली तिमाही में क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में उछाल की उम्मीद थी, जिसे बिटकॉइन के हॉल्विंग साइकिल और डोनाल्ड ट्रंप की क्रिप्टो-सपोर्टेड नीतियों से सहारा मिलना था। हालांकि, मैक्रोइकनॉमिक दबावों और स्कैम की आशंकाओं के कारण क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई। ट्रंप की जीत के बाद 5 नवंबर 2024 को वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.26 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 17 दिसंबर को 3.72 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा, लेकिन दो महीने बाद यह घटकर 3.2 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया। आगे क्रिप्टो मार्केट का हाल इस साल कैसा रह सकता है, आगे जानिए।

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ट्रंप की नीतियों को लेकर चिंता

ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद क्रिप्टो इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलने के संकेत मिले। अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने एक अकाउंटिंग रूल्स को निरस्त किया, और ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश जारी कर क्रिप्टो नियमों में बदलाव और 180 दिनों के अंदर स्ट्रेटेजिक क्रिप्टो रिजर्व की संभावना की स्टडी करने वाला वर्किंग ग्रुप बनाया।

फिर भी, जानकारों का कहना है कि ट्रंप की टैक्स और रेगुलेटरी पॉलिसीज अनिश्चितता पैदा कर रही हैं, जिससे निवेशक सतर्क हो रहे हैं।

इस वजह से घटा निवेशकों का भरोसा

2025 में प्रेसिडेंशियल कैम्पेन के दौरान ट्रंप ने $TRUMP और मेलानिया ने $MELANIA मीमकॉइन्स लॉन्च किए। शुरू में इनमें तेजी आई, मगर $TRUMP अपने उच्चतम मूल्य से 77% और $MELANIA 90% से अधिक गिर चुका है। $TRUMP की कॉपी में 700 फर्जी टोकन लॉन्च हुए, जिसने क्रिप्टो बाजार में भरोसा कम किया।

बिटकॉइन का रेट आया 100,000 डॉलर से नीचे

बिटकॉइन का प्राइस 8% से अधिक गिरकर 100,000 डॉलर से नीचे आ गया। वॉल स्ट्रीट में चीनी AI प्लेटफॉर्म DeepSeek की सफलता से ओवरवैल्यूएशन की आशंका बढ़ी, जिसने क्रिप्टो मार्केट को अस्थिर किया। ट्रंप के टैरिफ ने भी वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता बढ़ाई, जिसका असर क्रिप्टो जैसी जोखिम वाली एसेट्स पर पड़ा। ये मैक्रोइकनॉमिक फैक्टर बिटकॉइन की उस रैली को रोक रहे हैं, जिसकी उम्मीद थी।

निवेशकों के लिए क्या है अहम

ट्रंप समर्थित वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल ने बिटकॉइन और इथेरियम पर फोकस्ड स्ट्रेटेजिक टोकन रिजर्व की घोषणा की, जिसे ‘मैक्रो स्ट्रैटेजी’ कहा गया। यह डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) को बढ़ावा दे सकता है। इसके अलावा, एलन मस्क के नेतृत्व में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी द्वारा 2026 में प्रस्तावित ‘DOGE डिविडेंड’ से बाजार को सपोर्ट मिल सकता है।

हालांकि, बिटकॉइन के हॉल्विंग साइकिल की विश्वसनीयता कम होने से निवेशकों को नई रणनीतियां अपनानी पड़ सकती हैं।

डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर क्रिप्टोकरेंसी के रिटर्न की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। क्रिप्टो मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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