HDFC से लिया है होम लोन,जानें जुलाई से क्या बदलेगा,समझ लें पूरा नफा-नुकसान
HDFC-HDFC Bank merger From July:इस विलय के बाद होम लोन ग्राहकों के कर्ज बैंको के अनुसार तय होंगे। यानी उनके लोन एक्सटरनल बेंच मार्क लेडिंग रेट (EBLR) से तय होंगे। अभी फाइनेंस कंपनी के रुप में HDFC RPLR के आधार पर ब्याज दरें तय करता रहा है। EBLR के आधार पर ब्याज दरें ज्यादा पारदर्शी तरीके से तय होंगी।
जुलाई में होगा मेगा मर्जर
HDFC-HDFC Bank merger From July:हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और HDFC बैंक के विलय का अब समय नजदीक आ गया है। एक जुलाई से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC के कस्टमर HDFC बैंक के कस्टमर बन जाएंगे। इस विलय प्रक्रिया से सबसे ज्यादा असर फाइनेंस कंपनी HDFC के होम लोन ग्राहकों पर होने वाला है। ऐसे में सवाल यह है कि HDFC के होम लोन ग्राहकों के अकाउंट का क्या होगा। क्या उनके कर्ज सस्ते हो जाएंगे। और क्या HDFC के मौजूदा होम लोन ग्राहकों के नियम और शर्त बदलेंगे। इन सभी सवालों को आइए समझते हैं और यह जानते हैं कि नए हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC के बैंक ग्राहक बन जाने से क्या असर होंगे।
क्या सस्ता होगा होम लोन
इस विलय के बाद होम लोन ग्राहकों के कर्ज बैंको के अनुसार तय होंगे। यानी उनके लोन एक्सटरनल बेंच मार्क लेडिंग रेट (EBLR) से तय होंगे। अभी फाइनेंस कंपनी के रुप में HDFC RPLR के आधार पर ब्याज दरें तय करता रहा है। EBLR के आधार पर ब्याज दरें ज्यादा पारदर्शी तरीके से तय होंगी। ऐसे में HDFC के होम लोन ग्राहकों को ब्याज दरों के स्तर पर राहत मिलने की पूरी संभावना है। ऐसा होने पर होम लोन ग्राहको को सस्ती ब्याज दर या फिर लोन अवधि कम होने का तोहफा मिल सकता है। हालांकि पुराने ग्राहकों के कर्ज कैसे तय होंगे क्या बैंक उन्हें भी नए शर्तों के आधार पर सस्ते कर्ज का ऑफर देगा, इसको लेकर अभी स्थिति तय नहीं है।
रेपो रेट का फायदा तुरंत मिलेगा
आम तौर पर जब आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करता है तो यह देखा जाता है कि बैंक और फाइनेंस कंपनियां तेजी से कर्ज महंगा करती हैं। लेकिन रेपो रेट में कटौती पर वह ऐसा रवैया नहीं रखते हैं। लेकिन जब बैंक की प्रमुख दरें EBLR आधारित होंगी तो रेपो रेट में कटौती का ग्राहकों को तुरंत फायदा मिलेगा। इससे ग्राहकों को बैंक ग्राहक मिलने से राहत मिलेगी। ऐसे में फाइनेंस कंपनी के कस्टमर अब दूसरे बैंकों के तरह रेपो रेट की कटौती का फायदा जल्द उठा सकेंगे।
लागत घटने का भी मिलेगा फायदा
HDFC-HDFC Bank के विलय का एक फायदा होने वाला है कि फाइनेंस कंपनी की जमाओं की तुलना में बैंक की जमाएं और कर्ज कहीं ज्यादा है। ऐसे में नई इकाई में बैंक की करंट अकाउंट और सेविंग अकाउंट लागत घट जाएगी। ऐसे में बैंक के लिए कर्ज लेना सस्ता हो सकता है। ऐसे में बैंक अपने ग्राहकों को इसका फायदा दे सकता है।
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