रिटायरमेंट से पहले घर, ना बाबा ना....ऐसी होती आपकी लाइफ, इस शख्स को बोलिए थैंक्यू
HDFC-HDFC Bank Merger And Role Of Deepak Parekh:जब साल 1977 में ICICI BANK के पूर्व चेयरमैन एच.टी (H T Parekh) ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC की नींव रखी थी। तो उसे आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अपने उस भतीजे को चुना जो MNC में उस वक्त काम कर रहा था, सी.ए क्वॉलिफाइड था और उसके आगे कॉरपोरेट जगत में सुनहरा भविष्य था।
HDFC चेयरमैन दीपक पारेख
HDFC-HDFC Bank Merger And Role Of Deepak Parekh: रिटायरमेंट से पहले घर, ना बाबा ना...आज के दौर में यह बात पढ़ने पर आपको अजीब लग सकता है। आपके मन में सीधा यही सवाल आएगा कि जब घर बैठे होम लोन मिल रहा है तो फिर क्यों रिटायरमेंट का इंतजार करना? वो समय तक बचे पैसों से आगे की लाइफ मौज से जीने का है। लेकिन 70 के दशक होम लोन जैसी चीज से आम लोगों का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं था। जो लोग घर बनाते भी थे, तो वह अपनी जमा पूंजी, पीएफ के पैसे पर ही भरोसा करते थे। लेकिन एक शख्स ने इस पूरी दुनिया को बदल दिया और आज के दौर में घर बनाने के लिए आसानी से 80 फीसदी कम लोन के रूप में मिल जाती है। हम बात हाउसिंग इंडस्ट्री के पॉयनियर दीपक पारेख की कर रहे हैं। जिन्होंने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC को घर-घर तक न केवल पहुंचाया, बल्कि होम लोन बाजार में ICCI और SBI को उतरने का भरोसा दिया।
चाचा के भरोसे पर खरे उतरे
असल में जब साल 1977 में ICICI BANK के पूर्व चेयरमैन एच.टी (H T Parekh) ने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC की नींव रखी थी। तो उसे आगे बढ़ाने के लिए उन्हें अपने उस भतीजे को चुना जो MNC में उस वक्त काम कर रहा था, सी.ए क्वॉलिफाइड था और उसके आगे कॉरपोरेट जगत में सुनहरा भविष्य था। ऐसे मे 33 साल के भतीजे दीपक पारेख के लिए छोटी सी फाइनेंस कंपनी से जुड़ने का फैसला उनके साहस और चाचा के भतीजे पर मौजूद भरोसे को दिखाता है। दीपक पारेख पर किए गए उस भरोसे का ही नतीजा है कि आज हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC, 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा मार्केट कैप वाली कंपनी बन चुकी है। और देश को प्राइवेट सेक्टर क्षेत्र में HDFC बैंक मिला है। अब फाइनेंस कंपनी HDFC का जुलाई से HDFC बैंक में विलय हो जाएगा। फाइनेंस कंपनी HDFC की वेबसाइट के अनुसार उसने अब तक 90 लाख से ज्यादा होम लोन कस्टमर जोड़े हैं।
ये शख्स था पहला होम लोन कस्टमर
बिजनेस स्टैण्डर्ड की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस कंपनी HDFC का पहला होम लोन कस्टमर डीबी रेमीडियस (D B Remedios) थे। उस वक्त उन्हें 30 हजार रुपये का होम लोन मिला था। दिलचस्प बात यह है कि उस समय उनको घर बनाने में 70 हजार रुपये खर्च करने पड़े थे। और उसमें करीब 43 फीसदी रकम ही लोन के रूप में मिल पाई थी। लेकिन आज के दौर में घर की कीमत का 80 फीसदी रकम लोन के रुप में लेना बेहद आसान है।
लोन के लिए ऐसे मिलते थे पैसे
होम लोन के लिए ग्राहकों को आसानी से पैसा मिल सके इसके लिए एचडीएफसी ने 1980 में एक बेहद इन्नोवेटिव तरह की स्कीम निकाली थी। जिसमें छोटे निवेशकों के लिए लिंक्ड डिपॉजिट स्कीम को शुरू किया। इसके तहत कस्टमर को 200 रुपये के हिसाब से तीन ताल तक पैसे जमा करने होते थे। और तीन साल बाद वह तो 9 फीसदी का ब्याज लेकर रकम निकाल सकता था। लेकिन अगर वह होम लोन लेना चाहता था तो वह जमा रकम से चार गुना राशि के बराबर घर के लिए लोन ले सकता था। जो उस दौर में बड़ी राहत थी।
उस दौर से शुरू हुआ सफर आज 24 लाख करोड़ रुपये के भारतीय होम लोन बाजार के रुप में खड़ा हो चुका है। जिसमें मिनटों में होम लोन अप्रूवल मिलता है। 10-15 दिन में होम लोन की राशि मिल जाती है। ब्याज दरों पर फ्लोटिंग, फिक्सड रेट के होम लोन का ऑप्शन है। और बैंकों में ग्राहकों को अपने पाले में लाने की होड़ मची है।
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प्रशांत श्रीवास्तव author
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