HDFC Bank and HDFC Merger: एचडीएफसी बैंक को विलय की शर्तों पर RBI से नहीं मिली छूट, SEBI से मंजूरी मिली
HDFC Bank and HDFC Merger: भारतीय रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक को एचडीएफसी के साथ विलय को लेकर शर्तों में छूट देने से इनकार कर दिया है। हालांकि, बैंक को सेबी से मंजूरी मिल गई है।
RBI ने HDFC और HDFC Bank के मर्जर को लेकर शर्तों में छूट देने से इनकार कर दिया है
- RBI का HDFC Bank को विलय शर्त में ढील देने से इनकार
- सीआरआर और एसएलआर को लेकर नहीं मिली ढील
- RBI के पास जमा बैंकों के पैसे को कहा जाता है सीआरआर
HDFC Bank and HDFC Merger: प्राइवेट सेक्टर के एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के साथ मर्जर पर भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) की जरूरी शर्तों में किसी भी तरह की ढील देने से मना कर दिया है। हालांकि, बाजार नियामक सेबी ने HDFC Asset Management Company Limited में नियंत्रक हिस्सेदारी के प्रस्तावित बदलाव की मंजूरी एचडीएफसी लिमिटेड को दे दी है।
एचडीएफसी बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी
देश में प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को रिजर्व बैंक और सेबी के इस फैसले की जानकारी दी। इसके मुताबिक, रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी बैंक को विलय की स्थिति में सीआरआर और एसएलआर से संबंधित नियामकीय मानकों का पालन करने के लिए कहा है। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने वरीयता वाले क्षेत्रों को कर्ज देने से जुड़े प्रावधानों में थोड़ी रियायत देने की बात कही है।
पिछले साल अप्रैल में हुई थी मर्जर की घोषणा
बताते चलें कि एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय की घोषणा पिछले साल अप्रैल में की गई थी। करीब 40 अरब डॉलर के इस विलय को भारतीय कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा है। हालांकि इस प्रस्तावित विलय को अभी नियामकीय मंजूरियां मिलनी बाकी हैं। इसी क्रम में बैंक ने रिजर्व बैंक से सीआरआर और एसएलआर पर कुछ रियायतें देने का अनुरोध किया था।
एचडीएफसी बैंक ने अपने लेटर में कही ये बात
एचडीएफसी बैंक ने अपने लेटर में कहा है कि उसे कुछ बिंदुओं पर रिजर्व बैंक के विचार मिल गए हैं जबकि अभी कुछ बिंदुओं पर स्पष्टता आने का इंतजार है। बैंक ने कहा, ‘एचडीएफसी बैंक सीआरआर, एसएलआर और नकदी कवरेज अनुपात (एलसीआर) से जुड़ी नियामकीय शर्तों का विलय की प्रभावी तारीख से ही पालन करना जारी रखेगा।’
क्या होता है सीआरआर और एसएलआर
सीआरआर, बैंकों के डिपॉजिट्स का वह प्रतिशत होता है जिसे बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है और उन्हें उस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। वहीं एसएलआर, जमाओं का वह हिस्सा होता है जिसे अनिवार्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों में लगाना होता है।
पीटीआई इनपुट्स के साथ
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