Heatwave Impact on Economy: केवल बीमार नहीं करती हीटवेव, कमाई से लेकर बचत तक हो जाती है शिकार

Heatwave Impact On Indian Economy and Saving: हीटवेव की स्थिति में उत्पादन और सप्लाई प्रभावित होती है। इसके नतीजे में कीमतें बढ़ती हैं। कृषि क्षेत्र का उत्पादन घट जाता है, जिसके चलते खाने-पीटे के उत्पाद महंगे हो जाते हैं।

Heatwave Impact On Economy

अर्थव्यवस्था पर हीटवेव का प्रभाव

मुख्य बातें
  • हीटवेव से इकोनॉमी होती है प्रभावित
  • प्रोडक्शन में भी आती है कमी
  • सप्लाई पर पड़ता है असर

Heatwave Impact On Economy: देश भर में गर्मी चरम पर है। कई राज्यों में हीटवेव चल रही है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने पहले ही अप्रैल से जून तक भीषण गर्मी की भविष्यवाणी कर दी थी। बता दें कि हीटवेव से लोग तो परेशान होते ही हैं, इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ता है। हीटवेव से भारत की अनौपचारिक अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है, जो बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा करती है। हीटवेव से वर्कफोर्स पर भी बुरा असर पड़ता है, क्योंकि बड़ी संख्या खुले में काम करने वालों की होती है। आइए जानते हैं हीटवेव के और क्या-क्या निगेटिव प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ते हैं।

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महंगाई में होता है इजाफा

हीटवेव की स्थिति में उत्पादन और सप्लाई प्रभावित होती है। इसके नतीजे में कीमतें बढ़ती हैं। कृषि क्षेत्र का उत्पादन घट जाता है, जिसके चलते खाने-पीटे के उत्पाद महंगे हो जाते हैं।

बढ़ जाती है प्रोडक्शन-प्रोडक्टिविटी लागत

भीषण गर्मी के कारण काम के घंटों में कमी आ जाती है, जिससे उत्पादन (प्रोडक्शन-प्रोडक्टिविटी) में कमी आती है। इसके नतीजे में उत्पादन लागत में वृद्धि देखने को मिलती है।

कृषि उत्पादन

अधिक तापमान गेहूं, चावल और मक्का जैसी फसलों की पैदावार को कम कर सकता है। उच्च तापमान खनिज पोषण और अंकुरों के विकास को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे कम पैदावार होती है। वहीं इससे सूखे की भी स्थिति बन जाती है, जो फसलों के साथ-साथ किसानों के लिए भी मुसीबत बन जाता है।

लेबर का काम होता है प्रभावित

गर्मी बढ़ने से कंफर्ट लेवल कम हो जाता है और शारीरिक काम करना अधिक कठिन हो सकता है। इससे लेबर प्रोडक्टिविटी में गिरावट शुरू हो जाती है। हीट स्ट्रेस तब होता है जब शरीर तापमान को कंट्रोल करने के प्रयास में विफल होने लगता है। जाहिर है ऐसे में सामान्य तरीके से काम करना मुश्किल है।

बिजली और पानी संकट

गर्मी बढ़ने पर बिजली और पानी का संकट पैदा हो जाता है। गर्मियों में बिजली की मांग बढ़ जाती है। वहीं नदियों और जलाशयों में पानी घट जाता है, जिससे जल संकट पैदा हो जाता है। जैसा कि यमुना में जल स्तर घटने से दिल्ली में पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है।

बढ़ जाता है हेल्थकेयर खर्च

हीटवेव के कारण एम्बुलेंस के लिए कॉल, इमरजेंसी विजिट, अस्पताल में भर्तियां, आउटपेशेंट डिपार्टमेंट विजिट और अस्पताल में मृत्यु दर बढ़ जाती है। साथ ही हेल्थकेयर ऑपरेशनल कॉस्ट में भी काफी वृद्धि होती है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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