Manappuram और Muthoot Finance के शेयरों में भारी गिरावट, RBI के एक कदम से 9% तक टूटे

Manappuram Finance & Muthoot Finance Shares: मुथूट फाइनेंस का शेयर BSE पर करीब 9 फीसदी तक फिसला। मगर इसने गिरावट से काफी रिकवरी कर ली है। साढ़े 11 बजे बीएसई पर मुथूट फाइनेंस का शेयर 52.90 रु या 3.19 फीसदी की गिरावट के साथ 1604.15 रु पर है।

Manappuram Finance & Muthoot Finance Shares

मणप्पुरम फाइनेंस और मुथूट फाइनेंस शेयर

मुख्य बातें
  • मुथूट और मणप्पुरम में भारी गिरावट
  • 9 फीसदी तक टूटे शेयर
  • आरबीआई के एक लेटर से आई गिरावट
Manappuram Finance & Muthoot Finance Shares: RBI ने नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (एनबीएफसी) को कैश लोन में अधिकतम 20,000 रुपये देने की लिमिट के नियम का सख्ती से पालन करने को कहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई ने एनबीएफसी को लिखे एक लेटर में कैश लोन की लिमिट को 20 हजार रु पर बरकरार को कहा है। इस कदम के पीछे आरबीआई का उद्देश्य कैश लेन-देन को न्यूनतम करना है। आरबीआई के इस कदम से गुरुवार को मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance) और मुथूट फाइनेंस (Muthoot Finance) के शेयरों में भारी गिरावट आई है, जो कि प्रमुख लिस्टेड एनबीएफसी कंपनियां हैं।
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कितना लुढ़का शेयर

मुथूट फाइनेंस का शेयर BSE पर करीब 9 फीसदी तक फिसला। मगर इसने गिरावट से काफी रिकवरी कर ली है। साढ़े 11 बजे बीएसई पर मुथूट फाइनेंस का शेयर 52.90 रु या 3.19 फीसदी की गिरावट के साथ 1604.15 रु पर है।
वहीं मणप्पुरम फाइनेंस का शेयर 8.3 फीसदी लुढ़का। इस समय ये 7.05 फीसदी (12.70 रु) की गिरावट के साथ 167.40 रु पर है।

नया नहीं है नियम

आरबीआई का एनबीएफसी के लिए अधिकतम कैश लोन की 20 हजार रु की लिमिट तय करने वाला ये नियम नया नहीं है, लेकिन आरबीआई की सख्ती से लोन देने वाली कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं। आरबीआई की सख्ती के कारण गोल्ड लोन और माइक्रो-फाइनेंस एनबीएफसी पहले ही काफी अधिक प्रभावित हुई हैं, क्योंकि केवल इन्हीं दो कैटेगरियों के लोन ही इस सीमा लिमिट में आते हैं।
माना जा रहा है कि जो कंपनियां ज्यादा तकनीक का यूज नहीं करतीं उन पर इस नियम का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।

बड़ी एनबीएफसी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा

आरबीआई को आईआईएफएल फाइनेंस के लोन मैनेजमेंट में बड़ी खामियां मिली थीं, जिसके कारण कंपनी को नए ग्राहकों को गोल्ड लोन जारी करने से रोक दिया गया। हालांकि माना जा रहा है कि बड़ी एनबीएफसी पर इस फैसले का कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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