अंग्रेजों के कपड़े धोने के पाउडर का कमाल, बना 8200 करोड़ रु का ब्रांड, इस बंदरगाह से खास नाता

Surf Excel History: 1931 में, यूनिलीवर ने अपनी पहली भारतीय सब्सिडियरी कंपनी, हिंदुस्तान वनस्पति मैन्युफैक्चरिंग कंपनी की स्थापना की। इसके बाद लीवर ब्रदर्स इंडिया लिमिटेड (1933) और यूनाइटेड ट्रेडर्स लिमिटेड (1935) की शुरुआत हुई।

सर्फ एक्सेल बना 8200 करोड़ रु का ब्रांड

मुख्य बातें
  • 1957 में शुरू हुआ था सर्फ
  • बाद में नाम पड़ा सर्फ एक्सेल
  • 8200 करोड़ पहुंच गई सेल

Surf Excel History: भारत में कपड़े धोने में डिटर्जेंट पाउडर (Detergent Powder) बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। भारत में डिटर्जेंट पाउडर की शुरुआत देश आजाद होने के 10 साल बाद 1957 में हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) ने की थी। तब हिंदुस्तान यूनिलीवर ने पेट्रोकेमिकल से बने एनएसडी (नॉन-सॉपी डिटर्जेंट) पाउडर के तौर पर सर्फ (Surf की शुरुआत की। सर्फ भारत का पहला डिटर्जेंट पाउडर है। हिंदुस्तान यूनिलीवर ब्रिटिश कंपनी यूनिलीवर (Uniliver) की सब्सिडियरी कंपनी है। कब 'सर्फ' 'सर्फ एक्सेल' बना और इतना फेमस हुआ, आगे जानिए।

FMCG मार्केट की शुरुआत

हिंदुस्तान यूनिलीवर की वेबसाइट के अनुसार 1888 की गर्मियों में कोलकाता बंदरगाह पर आने वाले पर्यटकों ने सनलाइट साबुन की बट्टियों से भरे टोकरे देखे, जिन पर "लेवर ब्रदर्स द्वारा इंग्लैंड में निर्मित" लिखा था। इसके साथ ही ब्रांडेड फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) मार्केटिंग का युग शुरू हुआ।

इसके फौरन बाद 1895 में लाइफबॉय और पीयर्स, लक्स और विम जैसे अन्य ब्रांड्स इसी दौड़ में शामिल हुए। 1918 में वनस्पति को लॉन्च किया गया और प्रसिद्ध डालडा ब्रांड 1937 में बाजार में आया।

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