अटके फ्लैट और घरों की होगी रजिस्ट्री ! जानें दिवालिया से लेकर बकाया नियमों में क्या होंगे बदलाव

Home Buyers Will Get Relief In Registration Of Stuck Projects:सबसे अहम सुझाव IBC (इनसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड) में बदलाव का दिया गया है। इसके अनुसार, जो बिल्डर दिवालिया प्रक्रिया में चले गए हैं उनके भी घर खरीदार रजिस्ट्री करा सकेंगे। नए सुझाव में प्रोजेक्ट के आधार पर पर दिवालिया प्रक्रिया लागू करने की बात की गई है। यानी अगर किसी बिल्डर की कंपनी दिवालिया प्रक्रिया में चली गई है। तो उसके सभी प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री पर रोक नहीं लेगी।

HOME BUYERS REGISTRY

2024 से पहले बड़ां दांव

Home Buyers Will Get Relief In Registration Of Stuck Projects:बिल्डर के डिफॉल्ट के कारण लंबे समय से अपने फ्लैट की रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे, लाखों घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार द्वारा गठित पैनल ने ऐसे कई अहम सुझाव दिए हैं, जिन्हें अगर लागू कर दिया जाता है। उनके अटके घरों की रजिस्ट्री का रास्ता खुल जाएगा। नीति आयोग के पूर्व चेयरमैन अमिताभ कांत की अध्यक्षता में गठित पैनल के सुझावों को रेरा के साथ-साथ नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी सहित दूसरे शहरों की अथॉरिटी को भी भेजा गया है। राज्य सरकारों की मंजूरी या उसमें जरूरी बदलावों के बाद नए नियम लागू हो सकते हैं।

क्या दिए गए हैं सुझाव

दिवालिया प्रक्रिया में फंसे घर-फ्लैट का क्या होगा

सबसे अहम सुझाव IBC (इनसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड) में बदलाव का दिया गया है। इसके अनुसार, जो बिल्डर दिवालिया प्रक्रिया में चले गए हैं उनकी भी घर खरीदार रजिस्ट्री करा सकेंगे। नए सुझाव में प्रोजेक्ट के आधार पर पर दिवालिया प्रक्रिया लागू करने की बात की गई है। यानी अगर किसी बिल्डर की कंपनी दिवालिया प्रक्रिया में चली गई है। तो उसके सभी प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री पर रोक नहीं लेगी। ऐसे में जो प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं, उनकी रजिस्ट्री हो सकेगी। हालांकि जो प्रोजेक्ट दिवालिया प्रक्रिया में चला गया है, उसकी रजिस्ट्री अटकेगी।

बकाए की वजह से नहीं अटकेगी रजिस्ट्री

कई प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री इसलिए रूकी हुई है क्योंकि बिल्डर्स ने अथॉरिटी का बकाया नहीं चुकाया है। पैनल के अनुसार जो प्रोजेक्ट दिवालिया प्रक्रिया में नहीं है और उनके फ्लैट तैयार हैं या फिर लोग बिना रजिस्ट्री कराए घर में रह रहे हैं, उन फ्लैट की भी रजिस्ट्री हो सकेगी। इसके लिए ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी।

बिल्डर को मिलेगी मोहलत

भले ही रजिस्ट्री का रास्ता खुल जाएगा, लेकिन बिल्डर को बकाया राशि भी चुकानी होगी। हालांकि उसे बकाया चुकाने के लिए मोहलत मिल जाएगी और एक बार में उसे पैसा नहीं चुकाना होगा। इसके तहत बिल्डर को पेनाल्टी चार्ज के अलावा जो भी बकाया है उसकी 25 फीसदी राशि आवेदन करने के 60 दिन के अंदर और बाकी 75 फीसदी राशि तीन साल में अथॉरिटी को चुकानी होगी।

अगर बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा करने से करे इंकार

अगर बिल्डर अटके प्रोजेक्ट को पूरा करने से इंकार करता है तो उस स्थिति में दूसरे बिल्डर को प्रोजेक्ट देने का रास्ता अपनाया जा सकेगा। साथ जो प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं उनकी रजिस्ट्री हो पाएगी। वहीं जो प्रोजेक्ट अटके हुए हैं, उन्हें पूरा करने का जिम्मा दूसरे बिल्डर को दिया जा सकता है। या फिर खाली पड़ी जमीन को बेचकर अथॉरिटी पैसा वसूल सकेगी। लेकिन तैयार घरों, फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं रूकेगी।

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