Household Savings In India: अपनी बचत को कहां रखना पसंद करते हैं भारतीय, शेयर-डिबेंचर की कितनी है हिस्सेदारी, जानिए

Household Savings In India: बीऑफए सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अब भारतीय पारंपरिक बैंक डिपॉजिट (नॉन-बैंक सहित) से कैपिटल मार्केट की तरफ ट्रांसफर हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2000-01 में कुल वित्तीय बचत में बैंक डिपॉजिट का हिस्सा 39 प्रतिशत था और कैपिटल मार्केट का केवल 4 प्रतिशत ही था।

Household Savings In India

भारत में घरेलू बचत बहुत अहम

मुख्य बातें
  • परिवारों की बचत इकोनॉमी के लिए अहम
  • रियल एस्टेट में रहती है भारतीयों की 77% बचत
  • कैपिटल मार्केट की तरफ बढ़ रहा रुझान
Household Savings In India: घरेलू परिवार भी भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। भारतीय परिवार बचत के रूप में इकोनॉमी को मजबूती देते है। बीऑफए सिक्योरिटीज के अनुसार घरेलू बचत, जिसे निवेश का सबसे बड़ा सोर्स माना जाता है, कुल सकल घरेलू बचत में 70 प्रतिशत का योगदान देती है। घरेलू बचत को मोटे तौर पर दो कैटेगरियों, फाइनेंशियल और फिजिकल एसेट्स, में बांटा जाता है, जो कुल घरेलू बचत का क्रमशः 56 प्रतिशत और 44 प्रतिशत होती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइनेंशियल बचत में से बैंक और नॉन-बैंक डिपॉजिट का हिस्सा 37 प्रतिशत रहता है और केवल 8 प्रतिशत पैसा शेयरों और डिबेंचर में जाता है। रियल एस्टेट 77 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ फिजिकल बचत का सबसे बड़ा कम्पोनेंट है और कुल फिजिकल बचत का 11 प्रतिशत सोने के रूप में रहता है।
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कैपिटल मार्केट की तरफ बढ़ा रुझान

बीऑफए सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि अब भारतीय पारंपरिक बैंक डिपॉजिट (नॉन-बैंक सहित) से कैपिटल मार्केट की तरफ ट्रांसफर हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2000-01 में कुल वित्तीय बचत में बैंक डिपॉजिट का हिस्सा 39 प्रतिशत था और कैपिटल मार्केट का केवल 4 प्रतिशत ही था। FY23 तक ये आंकड़े 37 प्रतिशत और 7 प्रतिशत तक बदल गए।

बचत और निवेश दर में लगातार कमी आई

बीऑफए सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2007 और वित्त वर्ष 2011 में जीडीपी के 37.8 प्रतिशत और 39.8 प्रतिशत के शिखर पर पहुंचने के बाद, भारत में सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में बचत और निवेश दर में लगातार कमी आई है।
वित्त वर्ष 2021-22 तक, बचत दर जीडीपी की 30.2 प्रतिशत और निवेश दर जीडीपी की 31.4 प्रतिशत थी, जो पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले कुछ सुधार का संकेत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पब्लिक सेक्टर ज्यादातर बचत न करने वाला है, लेकिन कुल घरेलू बचत में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी 34 फीसदी है।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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