Indian Households Savings & Debt: भारतीयों की घरेलू बचत घटकर रह गई GDP की 5.1%, कर्ज बढ़कर हो गया 5.8%

Indian Households Savings & Debt: पिछले दो सालों में भारतीय परिवारों की बचत में 4% की गिरावट आई है। भारतीय परिवारों ने अपनी बचत को घरों और गाड़ी जैसी संपत्ति के लिए खर्च कर दिया। हालाँकि इससे लोगों का कर्ज बढ़ गया है।

भारतीयों की घरेलू बचत और कर्ज

मुख्य बातें
  • भारतीयों की घरेलू बचत घटी
  • मगर कर्ज में हुई बढ़ोतरी
  • घर-गाड़ी के कारण बढ़ा कर्ज

Indian Households Savings & Debt: पिछले दो सालों में भारतीय परिवारों की बचत में 4% की गिरावट आई है। भारतीय परिवारों ने अपनी बचत को घरों और गाड़ी जैसी संपत्ति के लिए खर्च कर दिया। हालाँकि इससे लोगों का कर्ज बढ़ गया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कर्ज़ चुकाने की भारतीयों की क्षमता कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक है। घरेलू बचत पर आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि यह 2020-21 में 11.5 प्रतिशत से गिरकर 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की 5.1 प्रतिशत रह गई। ये लॉन्ग टर्म के वार्षिक औसत 7.0-7.5 प्रतिशत से काफी कम है। वित्तीय देनदारियों (घरों द्वारा लिया गया कर्ज) में तेजी से वृद्धि हुई। ये 2021-22 में जीडीपी के 3.8 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 5.8 प्रतिशत हो गई। यही कारण है कि परिवारों की बचत घटी है।

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