Cash Rules: आप घर पर कितना कैश रख सकते हैं? जानिए जरूरी नियम
Cash Rules: आज भी बहुत से लोग बैंक के बदले अपने घर पर कैश रखना पसंद करते हैं, लेकिन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कैश को लेकर नियम बनाए हैं। अगर आप उसे फोलो नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना हो सकता है।
जानिए कैश लेनदेन नियम
Cash Rules: बहुत से लोग अपने पास कैश रखना पसंद करते है, लेकिन ये जानकारी होनी चाहिए कि हम कैश के तौर पर अपने पास कितना रुपया-पैसा रख सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि आयकर विभाग ने टैक्स चोरी और काले धन से निपटने के लिए कई नियम बनाए हैं लेकिन आप अपने घर पर कितना कैश रख सकते हैं इसकी कोई खास सीमा नहीं है। हालांकि घर में रखी किसी भी कैश के स्त्रोत के बारे में सबूत होना जरूरी है। अगर पैसे सोर्स की सही जानकारी नहीं दे पाएंगे तो आप पर कार्रवाई हो सकती है, जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और काले धन को रोकने के उद्देश्य से कैश भुगतान पर सीमाएं तय की हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 40A(3) के मुताबिक प्रति दिन 10000 रुपए से अधिक के कैश खर्च के लिए कटौती की अनुमति नहीं देती है, जब तक कि यह निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक तरीकों से न किया गया हो।
कैश लेनदेन के संबंध में याद रखने योग्य खास बातें
- सालाना 1 करोड़ से अधिक की निकासी पर 2% टीडीएस लगता है।
- एक साल में 20 लाख से अधिक के लेनदेन पर जुर्माना लग सकता है।
- 30 लाख से अधिक कैश वाले संपत्ति के लेनदेन जांच के अधीन हैं।
- 2 लाख से अधिक की कैश खरीदारी के लिए पैन और आधार डिटेल की जरूरी है।
- 1 लाख रुपए से अधिक के सिंगल क्रेडिट या डेबिट कार्ड लेनदेन की जांच की जा सकती है।
इन नियमों के अलावा 50000 रुपए से अधिक कैश जमा या निकासी के लिए अपना पैन कार्ड दिखाना अनिवार्य है। एक वर्ष के भीतर 20 लाख से अधिक की जमा राशि के लिए पैन और आधार कार्ड दोनों डिटेल की जरुरत होती है, अनुपालन न करने पर संभावित रूप से 20 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
माल ढुलाई से संबंधित भुगतान के लिए अपवाद लागू होते हैं, जिनकी सीमा 35000 रुपए से अधिक है। खेप पर माल संभालने वाले कमीशन एजेंटों को इस प्रावधान से छूट दी गई है क्योंकि उनके भुगतान को कटौती योग्य खर्च नहीं माना जाता है। हालांकि सीधी खरीदारी निर्दिष्ट भुगतान मोड की जरुरत के अधीन है। इन विनियमों का अनुपालन करने में विफलता के परिणामस्वरूप टैक्स उद्देश्यों के लिए कैश भुगतान को व्यावसायिक आय माना जा सकता है। इसके अतिरिक्त जांच के दौरान अस्पष्टीकृत आय का खुलासा करने में विफलता साथ ही टैक्स का भुगतान न करने और आय के स्रोत को उचित ठहराने में असमर्थता के परिणामस्वरूप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा निर्दिष्ट करीब 137% का टैक्स हो सकता है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को जमा, कैश क्रेडिट या ओवरड्राफ्ट अकाउंट्स में 10 लाख रुपए से अधिक के कैश लेनदेन की निगरानी करने का आदेश दिया है।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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