YouTube से कमाई पर कितना लगता है टैक्स, जानें पूरी डिटेल

Tax On YouTube Earnings: आप यूट्यूबर हैं और आप इससे कमाई करते हैं तो आपको टैक्स चुकाना पड़ेगा। सिर्फ भारत में ही नहीं, अमेरिका को भी टैक्स देना पड़ सकता है। जानिए कितना टैक्स लगेगा और क्या है नियम।

Tax on earnings from YouTube

यूट्यूब से कमाई पर भी लगता है टैक्स (तस्वीर-Canva)

Tax On YouTube Earnings: कुछ वर्षों से YouTube कमाई का महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। अधिकांश लोग अनजान हैं कि इससे कमाई पर इनकम टैक्स अधिनियम 1961 के अनुसार टैक्स योग्य है या नहीं। लेकिन इससे कमाई पर टैक्स भी देना होता है। YouTube से अधिकांश कमाई को बिजनेस की आय माना जाता है। अगर आपकी आय 1 करोड़ रुपए से अधिक है तो आप की आय का इनकम टैक्स के सेक्शन 44AB के अनुसार टैक्स ऑडिट होता है। इसके अलावा स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) आपकी आय पर लागू होगी और आप फॉर्म 26AS के जरिये अपनी TDS राशि की जांच कर सकते हैं, जिसे ऑनलाइन जेनरेट किया जा सकता है। अगर आपकी आय आपके YouTube चैनल से विज्ञापन से आय होती है तो इसे व्यावसायिक आय माना जाता है। विज्ञापन राजस्व से होने वाली आय पर 18% जीएसटी लगता है यानी 9% सीजीएसटी और 9% एसजीएसटी होता है।

अमेरिका कानून के हिसाब से कितना लगेगा टैक्स

अमेरिकी कानून के हिसाब से YouTube पर YPP में शामिल उन यूट्यूबर्स टैक्स की जानकारी ले जिन्हें अमेरिका में रहने वाले दर्शकों से कमाई हुई है। इन यूट्यूबर्स की कमाई से टैक्स चुकाना होगा, इसकी जानकारी देने का काम भी गूगल का है। सभी यूट्यूबर्स को टैक्स की जानकारी देनी होगी। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वह किस देश में रहते हैं। आपकी कुल कमाई का 24% तक टैक्स लग सकता है।

YouTube से कमाई करने वालों के लिए नियम

मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक कंटेंट क्रिएटर्स खासकर YouTube से कमाई करने वालों को अपने भुगतान से 15% की टैक्स कटौती को रोकने के लिए टैक्स घोषणा प्रस्तुत करने की जरुरत होती है कि वे न तो अमेरिकी निवासी हैं और न ही अमेरिकी टैक्स निवासी हैं। इससे बचने के लिए उन्हें टैक्स रेजिडेंसी सर्टिफिकेट (TRC) जैसे स्थानीय क्षेत्राधिकार के पेपर वर्क भी उपलब्ध कराने होंगे। केवल पैन कार्ड अपलोड करना पर्याप्त नहीं है। जैसे-जैसे कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या बढ़ती है तो स्रोत पर रोके गए टैक्स के कारण कई लोगों को धन की हानि हो सकती है।

टीआरसी कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

हम समझते हैं कि आप भारत में टीआरसी प्राप्त करने की प्रक्रिया को समझना चाहेंगे। इनकम टैक्स कानूनों के मुताबिक रिलिवेंट वित्तीय वर्ष के लिए भारत में टैक्स निवासी के रूप में अर्हता प्राप्त करने वाले व्यक्ति संबंधित क्षेत्राधिकार मूल्यांकन अधिकारी (AO) के साथ फॉर्म 10FA में आवेदन दाखिल कर सकते हैं। यह फॉर्म इनकम टैक्स की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। लेकिन मूल्यांकन अधिकारी को फिजिकली तौर पर सबमिट करना होगा। फॉर्म 10FA में आवेदक की स्पेशिफाइड जानकारी की जरुरत होती है, जैसे नाम, राष्ट्रीयता, पता, ईमेल आईडी, स्थायी खाता संख्या (PAN), निवास के निर्धारण का आधार, टीआरसी की अवधि, टीआरसी प्राप्त करने का उद्देश्य आदि, ऐसी जानकारी को प्रमाणित करने वाले सहायक दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाना है। फॉर्म पर आवेदक को विधिवत हस्ताक्षर करने और सत्यापित करने की जरुरत होगी।

वेरिफिकेशन करेगा मूल्यांकन अधिकारी

मूल्यांकन अधिकारी उपरोक्त आवेदन प्राप्त होने पर डिटेल को सत्यापित करेगा और अतिरिक्त जानकारी या डिटेल या स्पष्टीकरण के लिए अनुरोध कर सकता है, जो उचित लगे। दी गई जानकारी और टैक्स निवास दावे से संतुष्ट होने पर मूल्यांकन अधिकारी फॉर्म 10FB में टीआरसी जारी कर सकता है। कृपया ध्यान दें कि टीआरसी जारी करना और उसे जारी करने की समयसीमा मूल्यांकन अधिकारी के विवेक पर निर्भर है।

फॉर्म 15H स्रोत पर टैक्स की गैर-कटौती

फॉर्म 15H स्रोत पर टैक्स की गैर-कटौती के लिए एक सेल्फ ऐलान है जिसे किसी पात्र व्यक्ति द्वारा स्पेशिफाइड आय के भुगतानकर्ता को सबमिट किया जा सकता है। किसी व्यक्ति को फॉर्म 15H दाखिल करने और उपरोक्त स्पेशिफाइड आय के भुगतानकर्ता से स्रोत पर टैक्स कटौती न करने का लाभ उठाने के लिए पात्र होने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना होगा। इंडिविजुअल को रिलिवेंड वित्तीय वर्ष के लिए भारत में टैक्स रेजिडेंट होना अनिवार्य है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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