TDS On FD: FD के ब्याज पर नहीं कटेगा TDS, बस करना होगा ये छोटा सा काम

TDS On FD Interest Income: यदि किसी वित्त वर्ष में आम निवेशकों को एफडी पर मिलने वाला ब्याज 40 हजार रु तक है, तो कोई टीडीएस नहीं कटेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये लिमिट 50 हजार रु तक है।

TDS On FD Interest Income

एफडी ब्याज इनकम पर टीडीएस बचाएं

मुख्य बातें
  • FD के ब्याज पर कटता है टीडीएस
  • एक फॉर्म से हो सकती है बचत
  • वरिष्ठ नागरिकों के लिए है अलग फॉर्म

TDS On FD Interest Income: टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) भारत सरकार द्वारा किसी भी इनकम के सोर्स पर टैक्स कलेक्ट करने के लिए लागू की गई एक प्रोसेस है। किसी की इनकम दूसरे की पेमेंट होती है। जैसे कि चाहे एम्प्लॉयर सैलरी दे या आप किराया दें, इनमें एक के लिए पेमेंट होगी और दूसरे के लिए इनकम। इन पर टीडीएस काट कर पेमेंट होती है। इसी तरह बैंकों की एफडी पर जो ब्याज मिलता है, उस पर भी टीडीएस कटता है। मगर आम तौर पर अधिकतर लोगों को ये पता ही नहीं होता। हालांकि एफडी के ब्याज पर लगने वाले टीडीएस को कटने से बचाया जा सकता है। इसका तरीका हम आपको आगे बताएंगे।

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50 हजार रु तक का ब्याज रहेगा टैक्स फ्री

यदि किसी वित्त वर्ष में आम निवेशकों को एफडी पर मिलने वाला ब्याज 40 हजार रु तक है, तो कोई टीडीएस नहीं कटेगा। वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये लिमिट 50 हजार रु तक है।

मगर आईटीआर फाइल करते समय आपको एफडी ब्याज को बतौर इनकम दिखाना होगा। यदि आपने बैंक में पैन दे रखा है तो 10% टीडीएस कटेगा। यदि पैन न दे रखा हो तो टीडीएस 20% लगेगा।

तय लिमिट से अधिक ब्याज पर कटेगा टीडीएस

यदि एक वित्त वर्ष में सामान्य नागरिकों को मिलने वाला ब्याज 40000 रु और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50000 रु से अधिक हो तो बैंक अप्रैल में ही टीडीएस काट लेगा। इसलिए अप्रैल में टीडीस बचाने के लिए एक फॉर्म भरें।

कौन-सा फॉर्म भरना होगा

टीडीएस बचाने के लिए सामान्य निवेशकों को फॉर्म 15जी और वरिष्ठ नागरिकों को फॉर्म 15एच भरकर अपने बैंक में जमा कराना होगा। इस फॉर्म को अपनी एफडी की डिटेल के साथ भरना होगा। यदि आप ये फॉर्म भर दें तो बैंक टीडीएस नहीं काटेगा।

कुल इनकम भी देखी जाएगी

ध्यान रहे कि बैंक एफडी के ब्याज में आपकी बाकी कुल इनकम जोड़कर देखा जाएगा कि वो टैक्सेबल है या नहीं। यदि ब्याज समेत आपकी इनकम टैक्सेबल हो तो ब्याज पर 10% टीडीएस कटवाएं। बाकी इनकम पर स्लैब के अनुसार टैक्स भर दें। लेकिन यदि ब्याज समेत इनकम टैक्सेबल न हो तो फॉर्म 15जी या फॉर्म 15एच को भरकर टीडीएस बचाएँ।

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काशिद हुसैन author

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