Unlisted Share Market: अनलिस्टेड शेयरों में कैसे होता है ट्रेड, कहां होती खरीदारी-बिकवाली, जानें पूरी ABCD
Unlisted Equity Market: अनलिस्टेड शेयरों के लिए बेस्ट ब्रोकर आपको ढूंढना होगा। आपको इनकी ऑनलाइन या किसी परिचित या फाइनेंशियल एडवाइजर के जरिए जानकारी मिल सकती है।
अनलिस्टेड शेयरों में कैसे करें कारोबार
- अनलिस्टेड शेयरों में भी होता है कारोबार
- ब्रोकर के जरिए होती है खरीदारी-बिकवाली
- मगर होता है अधिक जोखिम
Unlisted Equity Market: भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE)। इनमें एनएसई पर 2266 और बीएसई पर 5309 कंपनियां लिस्ट हैं। इनमें अधिकतर कंपनियां दोनों एक्सचेंजों पर लिस्टेड हैं। लिस्टेड कंपनियों में किसी भी ब्रोकरेज फर्म के जरिए कारोबार किया जा सकता है। मगर क्या आप जानते हैं कि देश में एक अनलिस्टेड शेयर बाजार भी है। अनलिस्टेड शेयर बाजार में बहुत सी नॉन-लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में कारोबार होता है। अनलिस्टेडजोन जैसी वेबसाइटों पर इन अनलिस्टेड शेयरों के रेट बताए जाते हैं और यही वेबसाइट इन शेयरों में ट्रेड की भी सुविधा प्रोवाइड करती हैं।
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अनलिस्टेड मार्केट में शेयर कैसे खरीदें
अनलिस्टेडजोन के अनुसार आप इस वेबसाइट पर संपर्क करें। फिर शेयर खरीदने के लिए वेबसाइट के बैंक में पैसे भेजें। उसके बाद आपकी डील कंप्लीट की जाएगी। वहीं मोतीलाल ओसवाल के अनुसार आप किसी भरोसेमंद वेल्थ मैनेजर, इंवेस्टमेंट बैंक या ब्रोकर से संपर्क करें। वे आपको नॉन-लिस्टेड कंपनियों से परिचित कराएंगे और उनके शेयरों की खरीद-बिक्री की सुविधा प्रदान करेंगे।
डीलर और ब्रोकर आपको प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए कंपनियों के प्रमोटरों से भी जोड़ते हैं।
अनलिस्टेड शेयरों के लिए कौन सा ब्रोकर बेस्ट है
अनलिस्टेड शेयरों के लिए बेस्ट ब्रोकर आपको ढूंढना होगा। आपको इनकी ऑनलाइन या किसी परिचित या फाइनेंशियल एडवाइजर के जरिए जानकारी मिल सकती है।
भारत में अनलिस्टेड शेयर कहां बेचे जाएं
ऑनलाइन या फाइनेंशियल ब्रोकर इसमें आपकी मदद करेंगे। वेल्थ मैनेजर, इंवेस्टमेंट बैंक या ब्रोकर जो अनलिस्टेड शेयर खरीदने में आपकी मदद करेंगे, वे आपके शेयर बिकवाएंगे भी।
क्या अनलिस्टेड शेयर सुरक्षित हैं
ध्यान रहे कि अनलिस्टेड शेयर मार्केट सेबी के दायरे से बाहर है। इसलिए यहां जोखिम और भी अधिक होगा। लिस्टेड इक्विटी मार्केट के मुकाबले यहां अधिक जोखिम होगा।
इन जोखिमों का रखें ध्यान
लिस्टेड शेयरों की तुलना में नॉन-लिस्टेड शेयर कम लिक्विड होते हैं क्योंकि इनका स्टॉक एक्सचेंजों पर कारोबार नहीं होता। यानी इन्हें बेचना इतना आसान नहीं होगा। दूसरे इन शेयरों की वैल्यूएशन कम पारदर्शी होती है। इनमें अस्थिरता की संभावना अधिक हो सकती है।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर अनलिस्टेड शेयर मार्केट की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इसमें जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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