Indian Economy: 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था कैसे होगी विकसित, एक्सपर्ट्स ने सुझाए रास्ते

Indian Economy: 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए एक्सपर्ट्स ने रास्ते सुझाए हैं। उन्होंने कहा कि विकसित अर्थव्यवस्था बनने लिए टैक्स निर्धारण के बारे में कहा कि टैक्स दरों में कटौती और आधार को बढ़ाकर टैक्स रेवेन्यू में वृद्धि करने की जरुरत है।

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कैसे बनेगा विकसित भारत

Indian Economy: भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने लिए टैक्स निर्धारण को लेकर अपने रुख में बदलाव करते हुए टैक्स दरों में कटौती और आधार को बढ़ाकर टैक्स रेवेन्यू में वृद्धि करने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स ने यह बात कही है। उन्होंने टैक्स दरों को कम करने, टैक्स भुगतान आधार को बढ़ाने और इस प्रकार भारत की निवेश तथा विकास जरुरतों के वित्तपोषण के लिए साधन बनाने पर ध्यान देते हुए टैक्स दरों से राजस्व की ओर बढ़ने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

ईवाई इंडिया के वरिष्ठ साझेदार सुधीर कपाड़िया ने कहा कि पारंपरिक उच्च कर दरों के परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण टैक्स उछाल नहीं आया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए भारत में 1991 के बाद से सरकारों ने स्पष्ट रूप से मध्यम टैक्स दरों की वकालत की है जिससे अधिक पारदर्शिता तथा अनुपालन को बढ़ावा मिलता है।

थॉट आर्बिट्रेज रिसर्च इंस्टिट्यूट के निदेशक कौशिक दत्ता ने ‘थिंक चेंज फोरम’ द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में कहा कि भारत का टैक्स-सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात एक संपन्न असंगठित क्षेत्र की उपस्थिति से प्रभावित है, जो अब भी अर्थव्यवस्था में 30 से 35 प्रतिशत का योगदान देता है। , ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ ले सकेंगे और प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे। वर्गीकरण के मुद्दों के साथ-साथ कर चोरी भी एक बड़ी चुनौती है। एक अन्य क्षेत्र जिसमें जीएसटी सफल नहीं हो पाया है, वह है ई-कॉमर्स चुनौतियां हैं और उनका समाधान किया जाना चाहिए।

सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकनॉमिक्स के पुलिन बी नायक ने कहा कि भारत अब भी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समूह में है। प्रति व्यक्ति आय कम होने के कारण आयकरदाता कम हैं। कर की दरें बहुत अधिक रखना भी एक अनुचित विचार है क्योंकि इससे कर चोरी को बढ़ावा मिलेगा।

नायक ने कहा कि टैक्स-GDP अनुपात को बढ़ाना बहुत बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि इससे सरकार सार्वजनिक वस्तुओं, बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र पर खर्च करने में सक्षम होगी।

थिंक चेंज फोरम के महासचिव रंगनाथ तन्निर ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कराधान में सुधार समय की मांग है। सरकार को जल्द से जल्द कर की दरें कम करने और करदाताओं का आधार बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। (इनपुट भाषा)

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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