2000 के नोट वापस लेने से अर्थव्यवस्था पर कैसा पड़ेगा असर, जानिए क्या बोले एक्सपर्ट्स
2000 Rupees Note: पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को कहा कि 2000 रुपये का नोट वापस लिया जाना ‘बहुत बड़ी घटना’ नहीं है और इससे अर्थव्यवस्था या मौद्रिक नीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद अवैध धन की आवाजाही को और मुश्किल बनाना है।

2000 के नोट वापस लेने से जीडीपी या जन कल्याण पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा
2000 Rupees Note: पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने शनिवार को कहा कि 2000 रुपये का नोट वापस लिया जाना ‘बहुत बड़ी घटना’ नहीं है और इससे अर्थव्यवस्था या मौद्रिक नीति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये के नोट को 2016 में विमुद्रीकरण के समय ‘आकस्मिक कारणों’ से मुद्रा की अस्थाई कमी को दूर करने के लिए लाया गया था। गर्ग ने कहा कि पिछले 5-6 सालों में डिजिटल भुगतान में भारी बढ़ोतरी के बाद 2000 रुपये का नोट (जो वास्तव में पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों के स्थान पर लाया गया था) वापस लेने से करेंसी फ्लो प्रभावित नहीं होगा और इसलिए मौद्रिक नीति पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा, “इससे भारत के आर्थिक और वित्तीय तंत्र के परिचालन पर भी प्रभाव नहीं पड़ेगा। जीडीपी वृद्धि या जन कल्याण पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
क्या बोले नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया
वहीं, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने भी कहा कि 2000 का नोट वापस मंगाने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे।
2000 रुपये के नोट वापस लेने का क्या है मकसद
पनगड़िया ने कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद अवैध धन की आवाजाही को और मुश्किल बनाना है। उन्होंने कहा, “हम इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखेंगे। 2000 के नोट की कितनी भी राशि को बराबर कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोटों से बदल दिया जाएगा या जमा कर दिया जाएगा। इसलिए धन प्रवाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।” पनगड़िया ने कहा कि 2000 रुपये के नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 प्रतिशत हैं और इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है।
भाषा इनपुट्स के साथ
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मैं सुनील चौरसिया,. मऊ (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूं और अभी दिल्ली में रहता हूं। मैं टाइम्स नाउ नवभारत में बिजनेस, यूटिलिटी और पर्सनल फाइनेंस पर...और देखें

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