चीन बॉर्डर पर भारत की आंख बनेगा ये खास बिजली प्रोजेक्ट, 2023 में हो जाएगा चालू

Hydropower Project Near China Border: हाईड्रोपावर, बिजली की मांग में उतार-चढ़ाव पर तुरंत रेस्पोंड करने की क्षमता के साथ, ग्रिड को बैलेंस करने के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि सौर और पवन ऊर्जा का उत्पादन रुक-रुक कर बढ़ता है।

Hydropower Project At China Border

चीन सीमा पर जलविद्युत परियोजना

मुख्य बातें
  • चीन बॉर्डर पर भारत का नया प्रोजेक्ट
  • हाईड्रोपावर परियोजना होगी चालू
  • एनएचपीसी शुरू करेगी ट्रायल

Hydropower Project Near China Border: चीन बॉर्डर पर भारत एक मेगा हाईड्रोपावर प्रोजेक्ट शुरू करने के करीब है। इस प्रोजेक्ट पर 20 सालों से काम चल रहा है। ये देश के एनर्जी ट्रांजिशन में एक बड़ा कदम है। सरकारी हाईड्रोपावर कंपनी एनएचपीसी (NHPC) देश के उत्तर-पूर्व में असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों से गुजरने वाली सुबनसिरी लोअर (Subansiri Lower) परियोजना के लिए जुलाई में ट्रायल रन शुरू करेगी।

ईटी की रिपोर्ट के अनुसार फाइनेंस डायरेक्टर राजेंद्र प्रसाद गोयल के मुताबिक, पहली यूनिट के दिसंबर में चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि 2024 के अंत तक सभी आठ यूनिट्स शुरू हो जाएंगी।

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बहुत अहम है ये प्रोजेक्ट

हाईड्रोपावर, बिजली की मांग में उतार-चढ़ाव पर तुरंत रेस्पोंड करने की क्षमता के साथ, ग्रिड को बैलेंस करने के लिए अहम मानी जा रही है, क्योंकि सौर और पवन ऊर्जा का उत्पादन रुक-रुक कर बढ़ता है। 2003 में शुरू हुआ 2-गीगावाट का ये प्रोजेक्ट विरोध और मुकदमेबाजी के कारण काफी लंबित रहा। ये सारी दिक्कतें पर्यावरण को होने वाले संभावित नुकसान को लेकर थीं।

21250 करोड़ रु है लागत

इस परियोजना की लागत बढ़कर 21,250 करोड़ रुपये हो गई, जो असल अनुमान से तीन गुना अधिक है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस प्रोजेक्ट के लिए आठ साल के निलंबन के बाद 2019 में काम फिर से शुरू करने की अनुमति दी थी। इस प्रोजेक्ट के विरोध ने देश को 145 गीगावाट की जलविद्युत क्षमता का मुश्किल से एक तिहाई दोहन करने तक सीमित कर दिया।

लोकल इकोनॉमी को होगा फायदा

बड़े बांध चीन और पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण सीमाओं से लगे क्षेत्रों में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का भारत का एक तरीका हैं। सुबनसिरी के चालू होते ही एनएचपीसी की 2.9-गीगावाट दिबांग परियोजना के लिए कंस्ट्रक्शन ऑर्डर देने की योजना है, जो भारत का सबसे बड़ा हाईड्रोपावर प्लांट होगा। जलविद्युत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने बड़े बांधों को स्वच्छ ऊर्जा का दर्जा दिया है।

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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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