बॉस रहते चंदा कोचर ने कैसे लगाया ICICI बैंक को 1033 करोड़ रु का चूना, CBI ने किया खुलासा
ICICI Bank-Chanda Kochhar: 10,000 पन्नों से अधिक लंबी चार्ज शीट हाल ही में सीबीआई की एक विशेष अदालत के सामने फाइल की गई थी। चंदा कोचर, उनके पति और इस समय जमानत पर बाहर हैं। चंदा कोचर के आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ बनने के बाद, 1 मई 2009 से वीडियोकॉन ग्रुप को छह 'रुपया टर्म लोन' (आरटीएल) मंजूर किए गए।
आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन को दिया 1000 करोड़ रु से अधिक का लोन
- चंदा कोचर ने कराया आईसीआईसीआई बैंक को भारी नुकसान
- सीबीआई ने चार्जशीट में किए बड़े खुलासे
- जमानत पर बाहर हैं चंदा कोचर और उनके पति
ICICI Bank-Chanda Kochhar: जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar), उनके पति दीपक कोचर (Deepak Kochhar) और वीडियोकॉन समूह (Videocon Group) के फाउंडर वेणुगोपाल धूत (Venugopal Dhoot) के खिलाफ दाखिल की गई चार्जशीट में बड़ा खुलासा किया है। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को दिया गया 1000 करोड़ रु से अधिक का लोन गैर-निष्पादित संपत्ति या एनपीए (NPA) में बदल गया।
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कितनी बार मिला टर्म लोन
ईटी एनर्जीवर्ल्ड के अनुसार 10,000 पन्नों से अधिक लंबी चार्ज शीट हाल ही में सीबीआई की एक विशेष अदालत के सामने पेश की गई। चंदा कोचर, उनके पति और इस समय जमानत पर बाहर हैं। चंदा कोचर के आईसीआईसीआई बैंक की एमडी और सीईओ बनने के बाद, 1 मई 2009 से वीडियोकॉन ग्रुप को छह 'रुपी टर्म लोन' (आरटीएल) मंजूर किए गए।
चार्ज शीट में कहा गया है कि जून 2009 से अक्टूबर 2011 के बीच बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप के लिए कुल 1,875 करोड़ रुपये के आरटीएल पास किए।
चंदा कोचर का क्या है रोल
चंदा कोचर डायरेक्टर्स की उस दो सदस्यीय समिति की चेयरपर्सन थीं, जिसने अगस्त 2009 में वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (VIEL) के 300 करोड़ रुपये की आरटीएल को मंजूरी दी। इसके अलावा, वह अक्टूबर 2011 में वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (VIL) को 750 करोड़ रुपये के आरटीएल को मंजूरी देने के लिए सीनियर्स मैनेजर्स की समिति के साथ-साथ क्रेडिट समिति की सदस्य थीं।
1033 करोड़ रु का चूना लगा
चार्जशीट में कहा गया है कि चंदा कोचर उन समितियों की भी सदस्य थीं जिन्होंने 2012 के बाद भी वीडियोकॉन समूह को कई लोन दिए। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को पास की गईं लोन फैसिलिटीज जून 2017 में एनपीए में बदल गईं, जिसमें 1,033 करोड़ रुपये की बकाया राशि थी। इससे, आईसीआईसीआई बैंक को 1,033 करोड़ रुपये और ब्याज का नुकसान उठाना पड़ा।
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