Stock Market: BJP को बहुमत न मिला तो किधर जाएगा शेयर बाजार, NDA को 272 सीटें न मिलीं तो क्या होगा, ये है एक्सपर्ट का अनुमान
Stock Market Outlook: 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए ने यूपीए को सत्ता से हटा दिया था, तब शेयर बाजार नतीजों वाले दिन के बाद अगले 5 दिन में 2.3 प्रतिशत चढ़ा था। 2019 में, जब मोदी सरकार ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता तो अगले पांच दिनों में शेयर बाजार में 2.5 प्रतिशत की बढ़त हुई।
शेयर बाजार कैसा रहेगा
- शेयर बाजार को BJP से उम्मीदें
- बहुमत न मिलने पर आ सकती है गिरावट
- तेज गिरावट का अनुमान
Stock Market Outlook: अल्केमी कैपिटल के हिरेन वेद ने लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद शेयर बाजार की मूवमेंट पर अनुमान लगाया था। 18वें लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून (मंगलवार) को घोषित हो गए। ईटी नाउ से खास बातचीत में हिरेन ने कहा कि अगर मौजूदा सरकार लोकसभा में आधे से अधिक सीटें हासिल करने में विफल रहती है तो शेयर बाजार में तेज गिरावट आएगी, जो कि देखने को भी मिला है। गौरतलब है कि 2004 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अगले 5 दिनों में शेयर बाजार 10 फीसदी टूटा था। 2004 में भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए से हार गया था। उसके बाद 2009 में यूपीए ने लगातार दूसरी बार सत्ता हासिल की थी, मगर नतीजों के बाद अगले पांच दिनों में शेयर बाजार में 2 फीसदी की गिरावट आई थी। 2024 के नतीजों के बाद भी शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है।
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2014 और 2019 के नतीजों के बाद शेयर बाजार कैसा रहा
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए ने यूपीए को सत्ता से हटा दिया था, तब शेयर बाजार नतीजों वाले दिन के बाद अगले 5 दिन में 2.3 प्रतिशत चढ़ा था। 2019 में, जब मोदी सरकार ने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता तो अगले पांच दिनों में शेयर बाजार में 2.5 प्रतिशत की बढ़त हुई।
अगर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी तो...
इस बीच मल्टीनेशनल इंवेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी यूबीएस ने कहा है कि अगर भाजपा लोकसभा चुनाव में सिंगल-पार्टी बहुमत बरकरार रखती है तो बाजार नीति निरंतरता (Policy Continuity) को लेकर आश्वस्त रहेगा।
यूबीएस के मुताबिक कुल मिलाकर फाइनेंशियल मार्केट की भावना पॉजिटिव रहने की संभावना है। अगर भाजपा अपना अकेले दम पर बहुमत बरकरार रखने में विफल रहती है, लेकिन एनडीए के साथ बहुमत के साथ सरकार बनाती है, तो बाजार नीति स्थिरता के बारे में थोड़ा कम आश्वस्त रह सकता है क्योंकि फिस्कल कंसोलिडेशन अनुमान से धीमा रह सकता है।
यूबीएस के अनुसार उस स्थिति में अन्य राजनीतिक गठबंधनों की तरफ से दबाव रह सकता है, लेकिन ओवरऑल मैक्रो स्टैबिलिटी फिर भी बनी रह सकती है। हम वित्तीय बाजारों पर मिला-जुला प्रभाव देख सकते हैं।
4 जून को होगा फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रहा है। 7 चरणों में हुए मतदान के नतीजे 4 जून को आएंगे।
किसी राजनीतिक दल या गठबंधन को सरकार बनाने के लिए 543 सदस्यीय लोकसभा में कम से कम 272 सीटों की जरूरत होती है। भाजपा 2014 और 2019 में अपने दम पर आधी सीटें जीतने में सफल रही है।
डिस्क्लेमर : इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें। यहां पर बताए गए अनुमान ईटी नाउ की रिपोर्ट के आधार पर है और शेयर बाजार पर राय ईटी नाउ को ब्रोकरेज फर्म और एक्सपर्ट द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है। टाइम्स नाउ नवभारत डॉट कॉम निवेश पर अपनी कोई सलाह नहीं दे रहा है।
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