EMI पर आए बैंक का नोटिस, डरे नहीं, इस तरह दें जवाब

Bank Rules for Loan: कई बार किन्हीं वजहों से हम EMI की किस्त जमा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल बैक में ईएमआई की किस्त जमा नहीं करने पर तीन तरह की नोटिस मिल सकती है।

Bank Rules For EMI

Bank Rules For EMI: EMI की किस्त जमा नहीं करने पर क्या हैं नियम।

Bank Rules for Loan: कई बार किन्हीं वजहों से हम EMI की किस्त जमा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल बैक में ईएमआई की किस्त जमा नहीं करने पर तीन तरह की नोटिस मिल सकती है। इन नोटिस के आने पर आपको बिन घबराए बैंक से आई नोटिस का जवाब देना है। बैंक के नोटिस आने से ऊपर बैंक का नाम लिखा होगा। यदि वकील से आया होगा तो एडवोकेट लिखा होगा। वहीं यदि कोर्ट से आया होगा तो न्यायालय लिखा होगा। नोटिस कहीं से भी आए नोटिस का जवाब जरूर देना है।

नोटिस का जवाब नहीं देने पर हो सकती है दिक्कत

यदि आप नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो आपके खिलाफ ऑर्डर होगा, यदि ऑर्डर का जवाब नहीं दिया तो वह कोर्ट से गैर जमानती वारंट ले लेंगे और फिर पुलिस गिरफ्तार करके ले जाएगी। वहीं नोटिस का जवाब देकर आप इस स्थिति से बच सकते हैं। जब कोई नोटिस आता है तो उसका मतलब है कि वो आपसे जानकारी लेना चाहते हैं कि आखिर आप क्यों लोन नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए बैंक को लिखित में जवाब देना चाहिए। कभी भी मौखिक तौर पर जवाब नहीं देना चाहिए।

इसलिए जरूरी है नोटिस का जवाब

मौखिक जवाब देने पर जब बैंक कोर्ट जाएंगे तो उनके पास मोटी फाइल होगी और आपके पास कुछ नहीं होगा। जब भी बैंक से, कोर्ट से कहीं से भी नोटिस आए तो सीधे बैंक जाएं और लिखित में जानकारी दें कि मेरी स्थिति अभी ठीक नहीं है और मैं पेमेंट नहीं कर पाऊंगा। ये लोन चुकाने के लिए मुझे एक साल, 6 महीने जो भी आपको लगे उसके मुताबिक बैंक को बता दें। बड़े-बड़े उद्योगपति का 12 हजार करोड़ से ज्यादा का अंडरराइट किया गया है। अंडराइट का मतलब कि उन्हें आरबीआई ने लिख कर दे दिया कि ये अभी लोन नहीं भर पाएंगे इनकी स्थिति अभी ठीक नहीं है। जब स्थिति ठीक होगी तो भर देंगे। इसलिए नोटिस का जवाब देना जरूरी है।

कैसे दें नोटिस का जवाब

दूसरी बात इन नोटिस का जवाब कैसे दिया जाता है। जो बैंक से नोटिस आता है उसका जवाब खुद लिखकर देना होता है। जिसमें लिखें कि मेरी स्थिति अभी ठीक नहीं है मुझे एक साल या 6 महीने का समय चाहिए। यदि आप इस लेटर का जवाब 7 दिन के अंदर नहीं देते तो ये मैं समझूंगा कि मेरी अर्जी मंजूर कर ली गई है। मान लीजिए यदि बैंक मैनेजर आपका जवाब लिखा लेटर लेने से माना कर देता है तो ऐसे स्थिति में आपको उस लेटर बैंक एड्रेस पर स्पीड पोस्ट कर देना है और स्पीड पोस्ट की रसीद संभाल कर रखनी है। यदि इसके बाद भी कोर्ट से नोटिस आती है तो आपके पास प्रूफ रहेगा कि हमने बैंक को बताया था हमारी स्थिति ठीक नहीं है पर बैंक ने हमारी नहीं सुनी और इसके बाद बैंक पर कार्रवाई होगी।

रिकवरी एजेंट की बदसलूकी पर यहां करें शिकायत

बैंक जब लोन देता है तो आपके सिबिल स्कोर जैसे कई रिकॉर्ड चेक करता है और तब लोन देता है। ऐसे में जब आज आपकी स्थिति खराब हो गई तो बैंक को कैसे पता चलेगा का कि आपकी स्थिति खराब है। इसलिए नोटिस में आप ईएमआई नहीं भर पा रहे हो बताना जरूरी है। यदि आपने पैसा लिया है तो इसका ये बिलकुल भी मतलब नहीं कि आप उसके गुलाम हो गए। कोई भी बैंक आपके साथ अभद्रता या गाली-गलौज करता है तो आप पुलिस में एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। ऐसा करने वाले को 5 साल तक की सजा हो सकती है। साथ ही आप मानहानि को लेकर हर्जाने की भी मांग कर सकते हैं।

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आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह मई 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजा...और देखें

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