Adani Group: IHC ने किया अडानी ग्रुप का समर्थन, जानें क्या है पूरा मामला

अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने अडानी समूह को अपना समर्थन दोहराते हुए कहा कि समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अभियोग के बावजूद समूह में निवेश को लेकर उसका नजरिया बदला नहीं है। आईएचसी ने अप्रैल 2022 में समूह की नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लि. (एजीईएल) और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था।

Adani Group

IHC ने किया अडानी ग्रुप का समर्थन, जानें क्या है पूरा मामला

तस्वीर साभार : IANS

Adani Group: अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) ने अडानी समूह को अपना समर्थन दोहराते हुए कहा कि समूह के संस्थापक चेयरमैन गौतम अडानी पर अमेरिका में अभियोग के बावजूद समूह में निवेश को लेकर उसका नजरिया बदला नहीं है। इस बीच, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण और तंजानिया सरकार ने भी अडानी समूह को पूरा समर्थन देने की बात कही है।

IHC का बयान

अडानी समूह के प्रमुख विदेशी निवेशकों में से एक आईएचसी ने एक बयान में कहा, ‘‘ अडानी समूह के साथ हमारी साझेदारी हरित ऊर्जा और टिकाऊ क्षेत्रों में उनके योगदान में हमारे विश्वास को दर्शाती है।’’ अईएचसी 100 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने वाली सबसे बड़े सरकारी कोष में से एक है। बयान में कहा गया, ‘‘ हमारे सभी निवेशों की तरह हमारा दल प्रासंगिक जानकारी और घटनाक्रम का मूल्यांकन करना जारी रखे हुए है। इस समय इन निवेशों पर हमारा नजरिया यथावत है।’’

यह भी पढ़ें: EPFO: रिटायरमेंट के बाद PF अकाउंट से कितनी मिलेगी पेंशन, यहां समझें कैलकुलेशन

IHC ने किया था इन्वेस्ट

आईएचसी ने अप्रैल 2022 में समूह की नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लि. (एजीईएल) और बिजली कंपनी अडानी ट्रांसमिशन में करीब 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश किया था। उसने समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज में एक अरब डॉलर का निवेश किया था। हालांकि बाद में, उसने एजीईएल में अपनी 1.26 प्रतिशत हिस्सेदारी और एटीएल (जिसे अब अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड कहा जाता है) में 1.41 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दी थी लेकिन अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर पांच प्रतिशत की थी।

नहीं कैंसल होगी परियोजना

इस बीच, अन्य अंतरराष्ट्रीय भागीदारों ने भी अडानी समूह के प्रति अपना समर्थन दोहराया है। श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण ने अडानी समूह के साथ अपनी साझेदारी में भरोसा जताया है जिसने उनके देश के बंदरगाह बुनियादी ढांचे के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोलंबो टर्मिनल में एक अरब डॉलर के निवेश के साथ यह परियोजना श्रीलंका के बंदरगाह क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश होगा। खबरों के अनुसार, श्रीलंका बंदरगाह प्राधिकरण के चेयरमैन एडमिरल सिरीमेवान रणसिंघे (सेवानिवृत्त) ने कहा कि परियोजना को रद्द करने के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई है।

सरकारों ने की पुष्टि

यह परियोजना अगले कुछ महीनों में चालू हो जाएगी। तंजानिया सरकार ने भी अडानी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की है। उसका मानना है कि मौजूदा परियोजनाओं को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है और सभी अनुबंध पूरी तरह से तंजानिया के कानून का अनुपालन करते हैं। तंजानिया और अडानी पोर्ट्स ने मई 2024 में दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल-2 को संचालित करने के लिए 30 साल के रियायत समझौते को अंतिम रूप दिया था।

यहां ली हिस्सेदारी

इसके अलावा अडानी पोर्ट्स ने सार्वजनिक क्षेत्र की तंजानिया इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल सर्विसेज में 95 प्रतिशत हिस्सेदारी 9.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर में हासिल की है। इससे पहले अडानी समूह ने कहा था कि उद्योगपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है। बल्कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जा सकता है। एजीईएल पर आरोप है कि सौर ऊर्जा बिक्री ठेका हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रिश्वत दी गई, जिससे कंपनी को 20 वर्ष की अवधि में दो अरब अमेरिकी डॉलर का लाभ हो सकता था।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। बिजनेस (Business News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited