ग्रीन हाइड्रोजन को मिलेगा बढ़ावा, IIT Bombay ने HSBC से हाथ
आईआईटी बॉम्बे और एचएसबीसी इंडिया ग्रीन हाइड्रोजन कार्यक्रम के तहत शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की ग्रीन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी से जुड़ी छह नवोन्मेषी परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए चुना गया है। आईआईटी बॉम्बे के निदेशक शिरीष केदारे ने कहा, ‘‘ यह सहयोग भारत सरकार के दूरदर्शी राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का समर्थन करने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को बताता है, जो ग्रीन हाइड्रोजन को न केवल टिकाऊ ईंधन के रूप में बल्कि देश के भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य की आधारशिला के रूप में स्थापित करता है।
ग्रीन हाइड्रोजन को मिलेगा बढ़ावा, IIT Bombay ने HSBC से हाथ
आईआईटी बॉम्बे और एचएसबीसी इंडिया ग्रीन हाइड्रोजन कार्यक्रम के तहत शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की ग्रीन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी से जुड़ी छह नवोन्मेषी परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए चुना गया है। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आईआईटी बॉम्बे और एचएसबीसी इंडिया ग्रीन हाइड्रोजन कार्यक्रम के तहत छह आईआईटी, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान और भारतीय विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान से बड़ी संख्या में नवीन परियोजना प्रस्ताव मिले। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे ने ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन को अधिक कुशल और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए एचएसबीसी के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी में शुरू किये गये इस कार्यक्रम का मकसद ग्रीन हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास और कार्यान्वयन में तेजी लाना है।
6 नवाचारों को विकसित करने का काम
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ इनमें से छह परियोजनाओं को आईआईटी बॉम्बे में उद्योग विशेषज्ञों तथा संस्थान के वरिष्ठ संकाय सदस्यों वाली एक संचालन समिति ने एक कठोर प्रक्रिया के जरिये बढ़ावा और समर्थन देने (इनक्यूबेशन) के लिए चुना है। ’’ एचएसबीसी इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) हितेंद्र दवे ने कहा, ‘‘ हम इन छह नवाचारों को विकसित करने के लिए आईआईटी बॉम्बे के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, ताकि ग्रीन हाइड्रोजन को लागत प्रभावी, मापनीय और टिकाऊ बनाया जा सके।’’
ग्रीन हाइड्रोजन मिशन
आईआईटी बॉम्बे के निदेशक शिरीष केदारे ने कहा, ‘‘ यह सहयोग भारत सरकार के दूरदर्शी राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का समर्थन करने के लिए हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को बताता है, जो ग्रीन हाइड्रोजन को न केवल टिकाऊ ईंधन के रूप में बल्कि देश के भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य की आधारशिला के रूप में स्थापित करता है।’’ इस कार्यक्रम की शुरुआत 2023 में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी। इस तीन-वर्षीय परियोजना का मकसद ग्रीन हाइड्रोजन को एक रणनीतिक वैकल्पिक ईंधन के रूप में स्थापित करने के लिए नवीन परियोजनाओं का विकास करना है।
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Pawan Mishra author
पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। ...और देखें
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