IL&FS Group: दिवालिया कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए आईएलएंडएफएस ग्रुप पहुंचा NCLAT, जानिए पूरी डिटेल
IL&FS Group: आईएलएंडएफएस ग्रुप की कंपनियों के लिए मिली अधिकतम बोली इनके कर्ज से कम है। ऐसे में कर्जदाताओं के साथ ही शेयरधारकों को भी अपने रिलेटेड डेब्ट और इक्विटी में कटौती करनी होगी।
आईएलएंडएफएस ग्रुप पहुंचा NCLAT
मुख्य बातें
- आईएलएंडएफएस ग्रुप पहुंचा NCLAT
- दिवालिया कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए उठाया कदम
- शेयरधारकों को हैं कई आपत्तियां
IL&FS Group: आईएलएंडएफएस ग्रुप ने शेयरधारकों की मंजूरी के बिना कुछ कटौती (हेयरकट) के साथ अपनी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए एनसीएलएटी का रुख किया है। इन दिवालिया कंपनियों को नॉन-सस्टेनेबल डेब्ट के साथ रेजॉल्यूशन फ्रेमवर्क की कैटेगरी-2 के तहत रखा गया है। कैटेगरी-2 के तहत आने वाली ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने के लिए आईएलएंडएफएस के अंतरिम आवेदन पर इस सप्ताह की शुरुआत में अंतिम सुनवाई हुई। इस दौरान सरकार ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
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इक्विटी में करनी होगी कटौती
दरअसल आईएलएंडएफएस ग्रुप की कंपनियों के लिए मिली अधिकतम बोली इनके कर्ज से कम है। ऐसे में कर्जदाताओं के साथ ही शेयरधारकों को भी अपने रिलेटेड डेब्ट और इक्विटी में कटौती करनी होगी। आईएलएंडएफएस ने कहा कि यदि ऐसा किया गया तो इससे स्टेकहोल्डर्स के हितों को संतुलित करने के साथ ऐसी यूनिट्स के रिवाइवल का रास्ता भी साफ होगा।
साथ ही आईएलएंडएफएस ने ये भी कहा है कि ऐसी कंपनियों का रेजॉल्यूशन आईबीसी के तहत अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के अनुरूप है, जहां शेयरधारकों की मंजूरी लेने की जरूरत को खत्म कर दिया गया है।
किन कंपनियों में आ रही दिक्कत
IL&FS ने कहा कि आईएलएंडएफएस इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (IECCL) और हिल काउंटी प्राइवेट लिमिटेड (HCPL) जैसी कंपनियों में उसे हितधारकों, विशेष रूप से मौजूदा कर्जदाताओं और नॉन-आईएलएंडएफएस ग्रुप शेयरधारकों से कई तरह की आपत्तियों का सामना करना पड़ रहा है।
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काशिद हुसैन author
काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर व...और देखें
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