2000 रु के नोट बंद करने का भारतीय इकोनॉमी पर क्या पड़ेगा असर, 10 पॉइंट्स में यहां समझिए
2000 के नोट बंद करने से कोई ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि छोटे नोट पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। छोटे बिजनेसों और कृषि और कंस्ट्रक्शन जैसे कैश पर अधिक निर्भर करने वाले सेक्टरों को कुछ समय तक असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
2000 रुपये के नोट बंद करने का प्रभाव
- 2000 के नोट बंद करने से बड़ी दिक्कत की संभावना नहीं
- छोटे नोट सर्कुलेशन में काफी मात्रा में हैं
- डिजिटल ट्रांजेक्शन भी काफी बढ़ गया है
Impact Of Rs 2000 Note Ban : सरकार ने 2000 रु के नोट बंद (2000 Note Ban) करने का फैसला किया है। ये ऐलान RBI की तरफ से किया गया है। हालाँकि, RBI ने बैंकों से कहा है कि वे ग्राहकों के 2000 रु के नोट जमा या एक्सचेंज करते रहें। 2000 रु के नोट बंद करने के फैसले की तुलना नवंबर 2016 में देश में की नोटबंदी से की जा रही है। तब सरकार ने 500 और 1000 रु के नोट बंद कर दिए थे। उस समय आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। कई जानकार मानते हैं कि 2016 की नोटबंदी से इकोनॉमी भी प्रभावित हुई थी। पर इस बार केवल 2000 रु के नोट बंद किए जाने से कोई खास फर्क पड़ने की संभावना नहीं जताई गई है, क्योंकि डिजिटल लेन-देन काफी बढ़ गया है और आधे 2000 के नोट पहले ही सर्कुलेशन से बाहर हैं। भारतीय इकोनॉमी पर इसका क्या असर पड़ सकता है आगे 10 पॉइंट्स में जानिए।
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नहीं होगी पहले जैसी मुसीबत
जानकार मानते हैं कि 2000 के नोट बंद करने से कोई ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि छोटे नोट पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। वहीं डिजिटल ट्रांजेक्शन काफी बढ़ गई है।
छोटे बिजनेसों और किसानों को हो सकती है दिक्कत
हालांकि माना जा रहा है कि छोटे बिजनेसों और कृषि और कंस्ट्रक्शन जैसे कैश पर अधिक निर्भर करने वाले सेक्टरों को कुछ समय तक असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
सोने की कीमतों में तेजी
अगर 2000 के नोटों को बैंकों में जमा करने के बजाय लोग इनसे खरीदारी करना पसंद करते हैं तो सोने जैसी चीजों की खरीदारी में तेजी आ सकती है।
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बैंकिंग सिस्टम होगा बेहतर
रॉयटर्स की रिपोर्ट में एक इकोनॉमिस्ट के हवाले से कहा गया है कि 2000 रुपये के सभी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ जाएंगे, इसलिए सर्कुलेशन में कैश में कमी दिखेगी और इससे बैंकिंग सिस्टम की लिक्विडिटी में सुधार आएगा।
ब्याज दरों पर असर
नोटबंदी के समय बैंक डिपॉजिट में उछाल आया था। दोबारा भी ऐसा हो सकता है। इससे बैंकों पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दबाव कम हो सकता है। नतीजे में ब्याज दरों में नरमी रह सकती है।
घटेगा कैश सर्कुलेशन
डिजिटल ट्रांजेक्शन में बढ़ोतरी और छोटी वैल्यू के पर्याप्त नोटों के चलते 2000 रु के नोट बंद करने का कोई खास असर नहीं होगा, बल्कि जानकार मान रहे हैं कि इससे कैश सर्कुलेशन घटेगा।
बाजारों पर असर
विशेषज्ञों के अनुसार, 2016 में की गई नोटबंदी के उलट इस बार 2,000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद करने से इकोनॉमी के साथ-साथ बाजारों पर कोई खास प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है।
अर्थव्यवस्था में दिलचस्प बदलाव
बचे हुए 2000 रुपये के नोट धीरे-धीरे लुप्त हो जाएंगे। इससे एक जानकार के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में एक दिलचस्प बदलाव देखने को मिलेगा।
ब्लैकमनी पर नकेल
2000 रु के नोट बंद करने से ब्लैकमनी रखने वालों पर नकेल कसेगी। पूर्व आरबीआई डिप्टी गवर्नर रामा सुब्रमण्यम गांधी (R Gandhi) के अनुसार लोग हाई वैल्यू के नोटों की जमाखोरी कर रहे हैं।
आम जनता पर असर
आम जनता पर भी 2000 के नोटों को बंद करने का कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि इनमें से आधे नोट पहले ही आरबीआई ले चुका है, जबकि इनका चलन अब कम ही दिखता है। एटीएम से भी अधिकतर 500 रु के नोट निकलते हैं।
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