कैंसर की दवा होगी सस्ती,सिनेमा घर में खाना-पीना भी होगा सस्ता,घटेंगे GST रेट
GST Council Meeting:फिटमेंट समिति ने जीएसटी परिषद को सिफारिश की है कि सिनेमा हॉल में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाए न कि 18 प्रतिशत जैसा कि कुछ मल्टीप्लेक्स में किया जा रहा है।
कई उत्पादों पर घट सकते हैं जीएसटी रेट
कैंसर की दवाएं हो सकती हैं सस्ती
सूत्रों के अनुसार व्यक्तिगत उपयोग और उत्कृष्टता केंद्रों द्वारा दुर्लभ बीमारियों के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवाओं तथा विशेष चिकित्सा उद्देश्य के लिये भोजन (एफएसएमपी) के आयात को एकीकृत जीएसटी से छूट दिये जाने की संभावना है। वर्तमान में, ऐसे आयात पर पांच प्रतिशत या 12 प्रतिशत का एकीकृत जीएसटी लगता है।कर निर्धारण से संबद्ध फिटमेंट समिति ने परिषद को 11 जुलाई को होने वाली 50वीं बैठक में इन मामलों में चीजें स्पष्ट करने की सलाह दी है। समिति में केंद्र और राज्यों के कर अधिकारी शामिल हैं।फिटमेंट समिति की सिफारिशों के अलावा, परिषद ऑनलाइन गेमिंग पर मंत्री समूह की रिपोर्ट पर भी विचार करेगी।
SUV, MPV के तय हो सकते नए टैक्स रेट
फिटमेंट समिति ने 28 प्रतिशत जीएसटी के अलावा 22 प्रतिशत क्षतिपूर्ति उपकर लगाने के मामले में बहु-उपयोगी वाहन (एमयूवी) या बहुउद्देशीय वाहन या क्रॉसओवर यूटिलिटी वाहन (एक्सयूवी) को स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहन (एसयूवी) की तरह परिभाषित करने की सिफारिश की है।समिति ने सिफारिश की है कि चाहे वे किसी भी नाम से पुकारे जाएं, सभी उपयोगी वाहनों पर 22 प्रतिशत उपकर लगेगा। लेकिन इसके लिये शर्त है कि वे तीन मापदंडों... लंबाई चार मीटर से अधिक, इंजन क्षमता 1,500 सीसी से ज्यादा और ग्राउंड क्लीयरेंस 'बिना लोड वाली स्थिति' में 170 मिमी (मिलीमीटर) से अधिक...को पूरा करते हों।
सिनेमा हाल में खाना-पीना हो सकता है सस्ता
फिटमेंट समिति ने जीएसटी परिषद से यह भी कहा है कि सिनेमा हॉल में परोसे जाने वाले भोजन और पेय पदार्थों पर पांच प्रतिशत कर लगाया जाए न कि 18 प्रतिशत जैसा कि कुछ मल्टीप्लेक्स में किया जा रहा है। कर्नाटक ने इस मुद्दे को उठाया है और परिषद से इसे स्पष्ट करने की मांग की है।व्यक्तिगत उपयोग के लिये व्यक्तियों द्वारा कैंसर की दवा डिनुटूक्सिमैब (क्वारजीब) के आयात पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगता है। फिटमेंट समिति ने कहा कि जिस दवा की लागत 36 लाख रुपये है, उसे जीएसटी से छूट दी जानी चाहिए।
उपग्रह प्रक्षेपण सेवाओं के संबंध में, इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन), एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसीएल) और न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को जीएसटी से छूट दी गई है। हालांकि, निजी कंपनियों को 18 प्रतिशत की दर से कर देना होता है।भारत वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष बाजार में मजबूती के साथ उभर रहा है, ऐसे में फिटमेंट समिति ने समान अवसर उपलब्ध कराने के मकसद से निजी कंपनियों को भी कर छूट देने का सुझाव दिया है।
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