Income Tax Filing 2024: AIS में जोड़ा गया नया फीचर, टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइल करना होगा और आसान

Income Tax Filing 2024: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में एक नई विशेषता जोड़ी है। इससे इनकम टैक्स फाइल करना और आसान हो जाएगा।

आईटीआर फाइल करना हुआ और आसान (तस्वीर-Canva)

Income Tax Filing 2024: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट लगातार आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि टैक्सपेयर्स को किसी भी समस्याओं का सामना न करना पड़े। इसी कड़ी में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स फाइलिंग सिस्टम को और अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक विशेषता जोड़ी है। इसे एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में जोड़ी गई है। यह नई विशेषता टैक्सपेयर्स को डिस्प्लेड प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर फीडबैक शेयर करने की अनुमति देगा। लिस्टेड किसी भी ट्रांजैक्शन की पुष्टि कर सकते हैं और रियल टाइम बेसिस पर फीडबैक दे सकते हैं।

मिलेगी ये अनुमति

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस कदम से टैक्सपेयर्स को अपने इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में दिए गए डेटा को वेरिफाई और ठीक करने की अनुमति मिल जाएगी। AIS डेटा प्रदान करने के लिए बाध्य संस्थाओं द्वारा रिपोर्ट की गई टैक्स कटौती, कलैक्शन या फाइनेंशियल ट्रांजैक्सन का डिटेल प्रदान करता है। AIS कई इनफॉर्मेशन स्रोतों से प्राप्त फाइनेंशियल डेटा के आधार पर तैयार किया जाता है। यह टैक्सपेयर के बड़ी संख्या में फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन डिटेल प्रदान करता है जिनका टैक्स संबंधी प्रभाव हो सकता है। टैक्सपेयर्स को एआईएस सिस्टम के तहत प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर फीडबैक देने की सुविधा दी गई है। यह फीडबैक टैक्सपेयर्स को ऐसी जानकारी के स्रोत से प्राप्त सूचना के सटीक होने की स्थिति पर टिप्पणी करने में मदद करता है। गलत रिपोर्टिंग के मामले में उसे ऑटोमैटिक तरीके से पुष्टि के लिए स्रोत के पास ले जाया जाता है।

बेहतर टैक्सपेयर्स सर्विस के लिए एक पहल

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बयान में कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अब इनफॉर्मेशन पुष्टि प्रक्रिया की स्थिति प्रदर्शित करने के लिए एआईएस में एक नई व्यवस्था शुरू की है। बयान के मुताबिक यह प्रदर्शित करेगा कि क्या टैक्सपेयर के फीडबैक पर स्रोत की तरफ से आंशिक या पूर्ण रूप से स्वीकार या अस्वीकार करके कार्रवाई की गई है। आंशिक या पूर्ण स्वीकृति के मामले में स्रोत की तरफ से सुधार डिटेल दाखिल करके जानकारी को सही करना जरूरी है। CBDT ने कहा कि इस नई व्यवस्था से टैक्सपेर्स को AIS में ऐसी जानकारी प्रदर्शित करके पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। यह अनुपालन में सुगमता और बेहतर टैक्सपेयर्स सेवाओं की दिशा में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की एक और पहल है।
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