Income Tax Filing 2024: ITR फाइल करने जा रहे हैं? कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी, देखें लिस्ट
Income Tax Return Filing 2024: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है, इसलिए आईटीआर फाइल करने की तैयारी कर लें। इसके लिए कई दस्तावेज आपके पास होना चाहिए। यहां आईटीआर फाइल करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी है।
आईटीआर फाइल करने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी (तस्वीर-Canva)
Income Tax Return Filing 2024: इंडिविजुअल्स के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 है, जब तक कि सरकार द्वारा इसे बढ़ाया नहीं जाता है। इलिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तैयारी शुरू कर दें। सैलरी स्लिप या इनकम रिकॉर्ड, बैंक डिटेल और पिछले टैक्स रिटर्न जैसे प्रासंगिक दस्तावेजों को संकलित और व्यवस्थित करना जरूरी है। आईटीआर फाइल करने की प्रक्रिया आय के प्रकार और स्रोत के अनुसार अलग-अलग होती है, जिसमें वेतन, व्यवसाय राजस्व, निवेश आय और अन्य कैटेगरी शामिल हैं लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं हैं। आईटीआर दस्तावेज अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग हो सकती हैं क्योंकि यह टैक्स दाखिल करने वाले की कमाई के स्रोतों पर निर्भर करती हैं। हालांकि कुछ दस्तावेज हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी हैं। आइए जानते हैं कौन-कौन दस्तावेज होने चाहिए।
पैन कार्ड
आईटीआर दाखिल करने के लिए PAN कार्ड जरूरी है। टीडीएस कटौती के लिए PAN आवश्यक है और इनकम टैक्स रिफंड के लिए इसे आपके बैंक खाते से जोड़ा जाना जरूरी चाहिए। यह टैक्स डिपार्टमेंट जारी किया जाता है और इसे PAN कार्ड, फॉर्म 26AS, फॉर्म 16, फॉर्म 12BB जैसे विभिन्न दस्तावेजों पर पाया जा सकता है। अब टैक्सपेयर पैन के बजाय आधार का उपयोग करके भी ITR दाखिल कर सकते हैं।
आधार कार्ड
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139AA में कहा गया है कि इंडिविजुअल्स को रिटर्न दाखिल करते समय अपने आधार कार्ड का डिटेल देना होगा। अगर आपके पास अपना आधार कार्ड नहीं है लेकिन आपने इसके लिए आवेदन किया है तो आपको अपने आईटीआर में नामांकन आईडी प्रदान करनी होगी। पैन को आधार से जोड़ने से ओटीपी के जरिये ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन की सुविधा मिलती है। इंडिविजुअल्स के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। आधार कार्ड UIDAI द्वारा जारी किए जाते हैं। आधार कार्ड खो जाने पर आप आसानी से ऑनलाइन आधार कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।
फॉर्म 16
फॉर्म 16 जो नियोक्ताओं द्वारा तैयार किया जाता है, कर्मचारी के वेतन के डिटेल और वेतन से काटे गए टीडीएस की राशि की समिरी है। फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं। भाग A वित्तीय वर्ष के लिए नियोक्ता की टैक्स कटौती, पैन और टैन डिटेल दिखाता है। भाग B में टीडीएस गणना जैसे सकल वेतन ब्रेकअप, छूट भत्ते और अन्य लाभ शामिल हैं। अगर आपके पास फॉर्म 16 नहीं है तो भी आप अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।
फॉर्म 26AS
फॉर्म 26AS इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा प्रदान किए गए आपके द्वारा काटे गए और भुगतान किए गए टैक्स के बारे में बताता है। इसमें कटौतीकर्ताओं द्वारा टैक्स कटौती, टैक्सपेयर्स द्वारा टैक्स जमा और वित्तीय वर्ष में प्राप्त टैक्स रिफंड का डिटेल शामिल है। आईटी डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर इस फॉर्म तक पहुंचें।
होम लोन डिटेल
व्यक्तियों को उनके होम लोन डिटेल में मूलधन और ब्याज पुनर्भुगतान का डिटेल प्राप्त होता है। टैक्स फाइलिंग के लिए यह ब्रेकडाउन जरूरी है। बैंकों से होम लोन के लिए, पिछले वित्तीय वर्ष के डिटेल एकत्र करना महत्वपूर्ण है।
सेक्शन 80C निवेश दस्तावेज
सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), यूनिट लिंक्ड बीमा योजना (ULIP), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), और जीवन बीमा निगम पॉलिसियों (LIC) के तहत किए गए निवेश इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 80C के तहत कटौती के लिए पात्र हैं। टैक्स बचत के उद्देश्य से इन निवेशों से संबंधित सभी प्रासंगिक पर्चियां, रसीदें और दस्तावेज अपने पास रखने की सलाह दी जाती है। इसके अतिरिक्त एहतियात के तौर पर इन दस्तावेजों को कुछ वर्षों तक सुरक्षित रखना समझदारी है।
बैंक अकाउंट डिटेल
आपके इनकम टैक्स रिटर्न में सभी चालू बैंक खातों का खुलासा किया जाना चाहिए। बैंक का नाम, अकाउंट नंबर, IFSC और कुल अकाउंट शामिल करें। टैक्स रिफंड के लिए एक अकाउंट को प्राथमिक के रूप में नामित करें। इनकम डिस्क्लोजर और लेनदेन को वेरिफाई करने के लिए बैंक जानकारी महत्वपूर्ण है। पासबुक, स्टेटमेंट या ऑनलाइन बैंकिंग में डिटेल प्राप्त करें।
अन्य आवश्यक दस्तावेज
भविष्य निधि में आपका योगदान, आपके बच्चों की स्कूल ट्यूशन फीस, जीवन बीमा प्रीमियम भुगतान, स्टाम्प-ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क, आपके गृह ऋण पर मूलधन का पुनर्भुगतान, इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम या म्यूचुअल फंड निवेश, सेक्शन 80C के तहत दावा की जा सकने वाली अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपए है।
एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट
एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) टैक्सपेयर्स को फॉर्म 26AS में उनकी जानकारी का विस्तृत अवलोकन प्रदान करता है। टैक्सपेयर प्रदर्शित जानकारी पर प्रतिक्रिया दे सकते हैं। एआईएस में टीडीएस, एसएफटी और अन्य जानकारी जैसे अनुभागों के लिए रिपोर्ट किए गए मूल्य और संशोधित मूल्य (फीडबैक के बाद) दोनों शामिल हैं।
टैक्सपेयर इनफॉर्मेशन समरी
टेक्सपेयर के लिए कैटेगरी वाइज एकत्रित इनफॉर्मेशन समरी टैक्सपेयर इनफॉर्मेशन समरी (TIS) है। इसमें वेतन, ब्याज और डिविडेंड जैसी विभिन्न श्रेणियों के तहत संसाधित और व्युत्पन्न मूल्य शामिल हैं। प्रासंगिक होने पर व्युत्पन्न डेटा का उपयोग टैक्स रिटर्न भरने के लिए किया जाएगा।
डिविडेंड इनकम
शेयर या म्यूचुअल फंड रखने वाले निवेशकों के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय अर्जित किसी भी डिविडेंट आय की रिपोर्ट करना जरूरी है। पूरे वित्तीय वर्ष में प्राप्त डिविडेंड का डिटेल आपके ब्रोकर स्टेटमेंट या डीमैट अकाउंट समरी से प्राप्त किया जा सकता है।
स्टॉक, प्रॉपर्टी के लिए पूंजीगत लाभ टैक्स
जब आप शेयर, सिक्योरिटीज या संपत्ति बेचते हैं तो आपको या तो पूंजीगत प्रॉफिट या लॉस का अनुभव होगा। इसका समर्थन करने के लिए आपके पास ब्रोकर स्टेटमेंट और संपत्ति बिक्री विलेख जैसे दस्तावेज होने चाहिए।
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