Income Tax Saving: अधिकतम टैक्स बचाने के लिए ये 5 हैं सबसे बढ़िया निवेश विकल्प

Income Tax Saving Options: नया वित्तीय वर्ष 2024-25 का आगाज हो चुका है। अगर आप इस वित्तीय वर्ष में टैक्स बचाना चाहते हैं तो आपको अभी से निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। आपके लिए NPS, PPF, ULIP, ELSS और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) यानी SSY टैक्स बचाने के बेतरीन विकल्प हो सकते हैं।

Income Tax Saving Options

कैसे बचाएं इनकम टैक्स (तस्वीर-Canva)

Income Tax Saving Options: नया वित्तीय वर्ष 2024-25 का आगाज हो चुका है। नौकरीपेशा करने वाले लोगों को टैक्स बचाने के लिए प्लानिंग करना शुरू कर देना चाहिए। अपनी कमाई पर टैक्स बचाने के लिए रणनीतियों और निवेश साधनों के बारे में विचार करना चाहिए। क्योंकि अप्रैल महीने में नियोक्ता यानी कंपनी या संस्थान अपने कर्मचारियों से एक निवेश घोषणा पत्र जमा करने के लिए कहते हैं और फिर वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही (जनवरी-मार्च) के दौरान कर्मचारियों को निवेश का प्रमाण सबमिट करना होता है। इसलिए अभी से तैयारी कर लें कहां और कितना निवेश करना है, जिससे आपको अधिक से अधिक टैक्स की बचत हो सके। इसे वर्ष की शुरुआत या अंत के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। आखिरी समय में टैक्स प्लानिंग करने से आपके निवेश संबंधी गलत फैसले हो सकते हैं। अगर आप टैक्स सेविंग निवेश की तलाश में हैं तो बाजार में कई विकल्प उपलब्ध हैं। NPS, PPF, ULIP, ELSS और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) यानी SSY जैसे टैक्स बचत साधन टैक्सपेयर्स के बीच काफी लोकप्रिय हैं। जिसके बारे में नीचे बताया गया है।

सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSY)

सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSY) कई वर्षों से अन्य सेविंग स्कीम्स की तुलना में अधिक ब्याज दर दे रही है। SSY वर्तमान में 8.2 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर देती है। यह स्कीम बेटियों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। पीपीएफ की तरह अर्जित ब्याज टैक्स फ्री है। इस स्कीम में निवेश सीमा 1.5 लाख रुपए सालाना है। SSY अकाउंट के लिए भुगतान अवधि 15 साल है और खाता 21 वर्ष (न्यूनतम) में मैच्योर होता है। SSY के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर सालाना 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स कटौती की अनुमति है।

सामान्य भविष्य निधि (PPF)

सामान्य भविष्य निधि (PPF) में निवेश टैक्स बचत का ऐसा साधन है जो आपको सालाना टैक्स पर बचत करते हुए रिटायरमेंट फंड बनाने में मदद करता है। वर्तमान में पीपीएफ पर सालाना 7.1 प्रतिशत ब्याज दर मिलती है। आज उपलब्ध सबसे पसंदीदा लॉन्ग टर्म टैक्स सेविंग निवेशों में से एक है। यह सेक्शन 80सी के तहत सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक टैक्स कटौती लाभ प्रदान करता है। पीपीएफ में निवेश करने वालों के पास एक वित्तीय वर्ष के दौरान एकमुश्त या कई किश्तों में राशि का भुगतान करने का विकल्प होता है। यह एक ऐसी स्कीम है जो टैक्स सेविंग, रिटर्न और सुरक्षा प्रदान करती है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) निवेश विकल्प के रूप में काफी लोकप्रिय है क्योंकि इसमें अन्य निवेश स्कीम्स की तुलना में रिटर्न बहुत अधिक है। यह निवेशकों को कई प्रकार के निवेश विकल्प और पेंशन फंड का विकल्प भी प्रदान करता है। NPS टैक्सपेयर को इनकम टैक्स कानूनों की तीन अलग-अलग सेक्शन्स के तहत टैक्स बचाने की अनुमति देकर एक्स्ट्रा टैक्स लाभ प्रदान करता है। सेक्शन 80CCD(1) के तहत 1.5 लाख रुपए तक के योगदान पर कटौती का दावा किया जा सकता है। सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपए तक की एक्स्ट्रा कटौती है। अंत में कर्मचारियों को सेक्शन 80CCD(2) के तहत अपने नियोक्ता के जरिये किए गए निवेश पर एक्स्ट्रा टैक्स लाभ मिलता है।

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP)

यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) एक इंश्योरेंस स्कीम है जो लॉन्ग टर्म लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आपके पैसे की वृद्धि और किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की स्थिति में आपके परिवार को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए दोहरा बेनिफिट देती है। चूंकि एनपीएस की तरह रिटायरमेंट तक कोई लॉक-इन प्रावधान नहीं है, यूलिप को अधिक लचीला माना जाता है और यह समय-समय पर पैसे निकासी की भी अनुमति देता है। एक नुकसान यह है कि पॉलिसीधारक शेष अवधि के लिए इंश्योरेंस कंपनी के साथ फंसा रहता है, लेकिन एनपीएस में निवेशक पेंशन फंड मैनेजर को बदल सकता है। इनकम टैक्स कानूनों के सेक्शन 80सी के तहत यूलिप के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 1.5 लाख रुपए तक की टैक्स कटौती का दावा किया जा सकता है।

इक्विटी-लिंक्ड बचत स्कीम (ELSS)

इक्विटी-लिंक्ड बचत स्कीम (ELSS) एक प्रकार का म्यूचुअल फंड है, जिसे टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फंड भी कहा जाता है। यह टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स एक्ट 1961 की सेक्शन 80सी के तहत सालाना 1.5 लाख रुपए तक की कटौती का दावा करने की अनुमति देता है। ELSS तीन साल के लॉक इन अवधि के साथ आता है। उच्च रिटर्न अर्जित करने और टैक्स पर बचत करने का अवसर देता है। यह निवेशक को एकमुश्त या SIP मोड के जरिये निवेश करने की सुविधा भी देता है। ELSS पर यूनिटों के रिडेप्शन पर 10 प्रतिशत का लॉन्ग टर्म पूंजीगत लाभ टैक्स लगता है लेकिन कुल लाभ 1 लाख रुपए की सीमा के भीतर है तो इस पर टैक्स से छूट मिलती है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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