Income Tax: बेसिक आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख की जानी चाहिए, जानिए क्यों?

Income Tax Exemption Limit: बेसिक टैक्स छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए किया जाना चाहिए क्योंकि महंगाई जिस रफ्तार से बढ़ी है। उस हिसाब से लोगों की आमदनी नहीं बढ़ी है।

बेसिक टैक्स छूट लिमिट बढ़नी चाहिए

Income Tax Exemption Limit: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रही है। इस साल आम चुनाव होने की वजह से यह अंतरिम बजट होगा। हर साल की तरह इस बार भी व्यक्तिगत इनकम टैक्स को लेकर राहत की उम्मीदें हैं। आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराना ने बेसिक टैक्स छूट सीमा को 2.5 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपये करने की मांग की। आरएसएम इंडिया के संस्थापक ने बताया है कि पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) csx 2.5 लाख रुपए की मौजूदा बेसिक छूट सीमा में वर्ष 2014 से कोई बदलाव नहीं हुआ है।

बढ़ती महंगाई की वजह से बढ़नी चाहिए बेसिक टैक्स छूट सीमा

सुरेश सुराना ने ईटी को बताया कि 50000 रुपए की मानक कटौती तीन साल पहले शुरू की गई थी। लेकिन यह केवल वेतनभोगी टैक्सपेयर्स पर लागू होती थी, जिससे सीमित राहत मिलती थी। उन्होंने कहा कि पिछले संशोधन के बाद से लगातार उच्च महंगाई दर और जीवन यापन की बढ़ती लागत के मद्देनजर बेसिक छूट सीमा को 3.5 लाख रुपए तक बढ़ाने का एक मजबूत आधार बनता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रस्तावित समायोजन करीब 7 करोड़ टैक्सपेयर्स के एक बड़े हिस्से को लाभ पहुंचाएगा। जो महंगाई के दबाव के खिलाफ राहत रूप में कार्य करेगा। ईटी का एक विश्लेषण, घाटे के प्रबंधन में सरकार के सामने आने वाली राजकोषीय चुनौतियों को स्वीकार करता है, लेकिन राजकोषीय जिम्मेदारी और टैक्सपेयर्स को राहत प्रदान करने के बीच एक संतुलन की आवश्यकता को भी स्वीकार करता है।

बजट 2023-2024 मिली थी ये छूट

नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) के तहत बेसिक छूट सीमा 50000 रुपए की वृद्धि के साथ 2.5 लाख रुपए से बढ़कर 3 लाख रुपए हो गई है। अगर आप वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए इस नई टैक्स व्यवस्था को चुनते हैं, तो आपकी कुल टैक्स योग्य आय 3 लाख रुपए से कम होने पर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य नहीं है। यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था चुनने वालों को आईटीआर फाइलिंग के दौरान 15000 रुपए (50000 रुपए का 30%) तक बचाने की सुविधा देता है। इसके विपरीत, पुरानी टैक्स व्यवस्था 2.5 लाख रुपए की बेसिक टैक्स छूट सीमा बनाए रखती है। इसलिए 2.5 लाख रुपए से 3 लाख रुपए के बीच कुल टैक्स योग्य आय वाले व्यक्तियों को नए टैक्स नियमों से अधिक लाभ होने की संभावना है।

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