ITR 2024: शेयर-म्यूचुअल फंड पर मिले डिविडेंड पर लगता है टैक्स, मगर एक तरीके से मिल सकती है छूट, जान लीजिए
Tax On Dividend: आपको शेयरों या म्यूचुअल फंड पर मिले डिविडेंड पर टैक्स देना होता है। मगर इस टैक्सेबल इनकम को कम कर सकते हैं। इसका एक तरीका है।
डिविडेंड पर टैक्स का नियम क्या है
- शेयर और म्यूचुअल फंड पर मिलता है डिविडेंड
- डिविडेंड पर लगता है टैक्स
- पर एक तरीके से मिल सकती है छूट
Tax On Dividend: जब कंपनियां अपने तिमाही वित्तीय नतीजे पेश करती हैं, तो उसके साथ ही अकसर कुछ कंपनियां डिविडेंड भी देती हैं। डिविडेंड शेयरधारकों के बैंक अकाउंट में कैश के तौर पर आता है। म्यूचुअल फंड भी निवेशकों को डिविडेंड देते हैं। मगर ध्यान रहे कि शेयरों और म्यूचुअल फंड्स पर जो डिविडेंड मिलता है, उस पर टैक्स लगता है। मगर एक तरीका है जिससे आप डिविडेंड पर टैक्स देने से बच सकते हैं। आईटीआर (ITR) फाइल करने से पहले इस ऑप्शन को जरूर जान लें।
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कितनी राशि पर कटता है टैक्स
ईटी की रिपोर्ट के अनुसार कंज्यूमर सेविंग ऐप हाईसेव की कंसल्टिंग सीएफओ ज्योति मलकानी के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट , 1961 की धारा 194 के तहत डिविडेंड पर टीडीएस (TDS) लगता है। यदि आपको किसी कंपनी या म्यूचुअल फंड से 5,000 रुपये से अधिक का डिविडेंड मिले तो उस पर 10% टीडीएस लगेगा।
यह टैक्स कटौती आपके लिए आईटीआर फाइल करते समय आपकी कुल टैक्स लायबिलिटी से क्रेडिट के लिए उपलब्ध होगी।
फॉर्म 16ए में होती है टीडीएस की डिटेल
मलकानी के मुताबिक जो कंपनी या म्यूचुअल फंड आपको डिविडेंड देगा, वो आपको फॉर्म 16ए जारी करेगा। उस 16ए फॉर्म में टीडीएस का पैसा, डिविडेंड की राशि जैसी डिटेल होगी। डिविडेंड देने वाला फॉर्म 16ए हर तिमाही में अपना टीडीएस रिटर्न पेश करने के 15 दिन में जारी करता है।
क्या है टैक्स से बचने का तरीका
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर नीरज अग्रवाल के मुताबिक डिविडेंड इनकम पर टैक्स घटाया जा सकता है। इसका केवल एक तरीका है। यदि आप शेयरों में निवेश के लिए पैसा उधार लेते हैं, तो उधार पैसों पर दिए जाने वाले ब्याज पर आपको धारा 57 के तहत टैक्स छूट मिलेगी और वो भी डिविडेंड राशि के अधिकतम 20 फीसदी तक। ब्रोकरेज कॉस्ट या किसी अन्य प्रकार के खर्च ये छूट नहीं मिलेगी।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए कोई व्यक्ति शेयर खरीदने के लिए 25000 रुपये का लोन लेता है, जिस पर उसे 10,000 रुपये डिविडेंड के मिलते हैं और वह लोन पर 2500 रुपये बतौर ब्याज देता है। तो वह इस ब्याज राशि पर एक्सपेंस डिडक्शन क्लेम कर सकता है।
हालांकि, कटौती की राशि डिविडेंड इनकम के 20% से अधिक नहीं हो सकती। इस तरह केवल 2000 रुपये (10000*20%) का दावा किया जा सकता है।
डिस्क्लेमर : यहां मुख्य तौर पर शेयर पर डिविडेंड और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी दी गयी है, निवेश की सलाह नहीं। इक्विटी मार्केट में जोखिम होता है, इसलिए निवेश अपने जोखिम पर करें। निवेश करने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
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