Income Tax: वेतनभोगी वर्ग पर टैक्स बोझ कम करने की जरुरत, आखिर क्यों?
Income Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 में अंतरिम बजट पेश करेंगी। वेतनभोगी व्यक्तियों को उम्मीद है कि टैक्स में राहत मिलेगी। आइए जानते हैं इसे कम क्यों किया जाना चाहिए।
वेतनभोगियों पर से टैक्स बोझ कम क्यों किया जाना चाहिए
Income Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 में अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं। वेतनभोगी वर्ग इसका उत्सुकता से इंतजार कर रहा है। खासकर टैक्स छूट में संभावित बदलावों को लेकर वेतनभोगी इस पर टकटकी लगाए रहते है। उनकी प्रमुख मांगों में इनकम टैक्स नियमों को सुव्यवस्थित करना और जटिलताओं को कम करना, विशेष रूप से टैक्स रिजीम में सरलता चाहते हैं। कई लोगों को नई टैक्स व्यवस्था के तहत छूट की सीमा 7 लाख बढ़ाकर 8 लाख रुपए किए जाने की उम्मीद है। वे चाहते है कि इससे नई व्यवस्था चुनने वाले व्यक्तियों के लिए उस सीमा तक टैक्स योग्य आय टैक्स फ्री हो जाएगी।
टैक्स बोझ क्यों कम किया जाना चाहिए?
वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद भारतीय कंपनियों द्वारा कर्मचारियों के लिए वेतन वृद्धि की योजना बनाई जा रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक कर्मचारियों के लिए करीब 9.8% वेतन वृद्धि की उम्मीद है। भारत में व्यक्तिगत इनकम टैक्स 5% से 30 प्रतिशत है। इसके विपरीत हांगकांग में 15%, श्रीलंका मे 18% और सिंगापुर 22% है। इन देशों की तुलना में भारत टेक्स बोझ अधिक है। अगर टैक्स बोझ को कम नहीं किया गया तो देश टैलेंट अन्य देशों के प्रति आकर्षित हो सकता है। इस देश में टैक्स संरचना और बेहतर कार्य-जीवन गुणवत्ता के बीच संतुलन स्थापित किया जाना चाहिए।
टॉप प्रतिभाओं पलायन से रोकने के लिए तैयार हो नीतियां
भारत ग्लोबल पावर बनने की ओर अग्रसर है। इसलिए वेतनभोगी कर्मचारियों पर टैक्स के बोझ को कम करने के उद्देश्य से नीतियों में बदलाव करने की जरुरत है। समय के मुताबिक सबसे बड़ी जरूरत यह है कि ऐसी नीतियां तैयार की जाए जो न केवल आकर्षण हो बल्कि देश के टॉप प्रतिभाओं के पलायन को रोकने मे मदद करे। यह रणनीतिक दृष्टिकोण वैश्विक मंच पर देश की प्रतिस्पर्धात्मक शक्ति को और मजबूत करने में सहायक हो।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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