ITR Filing News: 10 लाख तक कमाने वालों की संख्या में जबरदस्त उछाल, टैक्स बेस बढ़ाने में ये राज्य सबसे आगे

Income Tax Return Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में लगातार इजाफा हो रहा है। क्योंकि 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच कमाने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग में हुई जबरदस्त इजाफा

Income Tax Return Filing: देश में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इससे साफ पता चलता है कि देश में कमाने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है। देश में अत्यधिक आय अर्जित करने वालों की संख्या बढ़ रही है। यह तब स्पष्ट हो गया जब भारत में 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच आय वाले व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स द्वारा फाइल इनकम टैक्स रिटर्न की संख्या में पिछले 8 वर्षों में 295 प्रतिशत की तेजी से वृद्धि हुई। एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच की आय के लिए दाखिल किए गए आईटीआर की संख्या में यह भारी उछाल आकलन वर्ष 2013-14 और 2021-22 के बीच दर्ज किया गया। जो सकल कुल आय की हाई कैटेगरी में माइग्रेशन सकारात्मक प्रवृत्ति को दर्शाता है।

आईटीआर फाइलिंग में हुई 291 प्रतिशत की भारी वृद्धि

एसबीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक की आय वाले लोगों द्वारा दाखिल किए गए आईटीआर की संख्या में 291 प्रतिशत की भारी वृद्धि हुई है। इसके अलावा इनकम टैक्स दाखिल करने वाले व्यक्तियों की कुल संख्या 2021-22 में 70 मिलियन से बढ़कर आकलन वर्ष 2022-23 में 74 मिलियन हो गई। टाइम्स ऑफ इंडिया ने एसबीआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि एमएसएमई के आय पैटर्न में भी एक स्पष्ट बदलाव आया है। जो इंडस्ट्री या सर्विस के बदलते स्वरूप को दर्शाता है क्योंकि फॉर्मलाइजेशन अभियान अधिक संस्थाओं को इसमें लाता है।

बढ़ते टैक्स बेस वाले राज्यों में यूपी सबसे आगे

एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश इनकम आधार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में सबसे आगे है। इसके बाद आंध्र प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा हैं। दूसरी ओर, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और कर्नाटक जैसे राज्य, जो इनकम टैक्स आधार में पारंपरिक लीडर रहे हैं। समग्र टैक्स आधार में उनकी हिस्सेदारी घटने के साथ सेचुरेशन के करीब हैं। अध्ययन में कहा गया है कि व्यक्तिगत टैक्स दाखिल करने वालों में महिला टैक्स दाखिल करने वालों की संख्या करीब 15 प्रतिशत है, जबकि केरल, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में महिला टैक्स दाखिल करने वालों की हिस्सेदारी अधिक है।

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