Income Tax: क्यों बढ़नी चाहिए 80C के तहत निवेश की सीमा 1.5 लाख से अधिक?

Income Tax: इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत निवेश की सीमा बढ़ाए जाने की जरुरत है। क्योंकि जिस हिसाब से महंगाई बढ़ी है उस हिसाब से लोगों की बचत कम हो गई।

Income Tax, Income Tax Saving, Investment Limit under 80C

इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाए जाने की जरुरत

Income Tax: इनकम टैक्स के सेक्शन 80C वेतनभोगी व्यक्तियों को सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), पांच साल की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र, बच्चों की ट्यूशन फी, ELSS आदि जैसे इनकम टैक्स सेविंग उपकरणों में निवेश करने पर ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स में छूट मिलती गै। व्यक्ति और HUF दोनों इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत इनकम टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 80C कटौती सीमा को बढ़ाने की तत्काल जरुरत है। जीवनयापन की बढ़ती लागत को देखते हुए कई कामकाजी लोग इनकम टैक्स कटौती के लिए धारा 80सी पर बहुत अधिक भरोसा करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि आगामी बजट 2024 में कटौती की सीमा (वर्तमान में 1.5 लाख) बढ़ाई जाएगी।

80C के तहत कटौती सीमा बढ़ाने की जरुरत क्यों?

एक्सपर्ट के मुताबिक लोगों को लगता है कि मौजूदा 80C सीमा का इस्तेमाल पीपीएफ, पीएफ और होम लोन चुकाने जैसे निवेशों में आसानी से हो जाता है, जिससे जीवन बीमा के लिए बहुत कम जगह बचती है। उनका मानना है कि टैक्स सिस्टम में जीवन बीमा के लिए एक अलग कैटेगेरी बनाई जानी चाहिए। यह बदलाव उन्हें बेहतर कवरेज वाली पॉलिसियों में अधिक निवेश करने और उनके भविष्य को सुरक्षित करने की अनुमति देगा। 80सी कटौती सीमा बढ़ाने से मिडिल क्लास को अधिक बचत होगी। छोटे बचतकर्ताओं के लिए रिटायरमेंट और आवास फंड बनाने में मदद मिलेगी।

सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स कटौती: इस सेक्शन में निम्नलिखित निवेश और खर्च शामिल हैं:-

  • सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF):- आप पीपीएफ खाते में किए गए निवेश पर कटौती का दावा कर सकते हैं। आप एक साल में अधिकतम 1.5 लाख रुपए का निवेश कर सकते हैं।
  • जीवन बीमा पॉलिसी प्रीमियम:- आयकर अधिनियम के मुताबिक कोई व्यक्ति जीवन बीमा पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम के लिए सेक्शन 80C के तहत कटौती का दावा कर सकता है।
  • ट्यूशन शुल्क:- आप ट्यूशन फीस के लिए टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • पांच साल की फिक्स्ड:- कम से कम पांच साल की अवधि वाली सावधि जमा पर अर्जित ब्याज सेक्शन 80C के तहत कर कटौती के लिए पात्र है।
  • होम लोन पुनर्भुगतान:- व्यक्ति आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत होम लोन के लिए भुगतान की गई मूल राशि पर टैक्स कटौती का दावा कर सकते हैं।
  • ELSS म्युचुअल फंड:- ईएलएसएस फंड इक्विटी फंड हैं जो आपको टैक्स बचाने की सुविधा देते हैं। इन फंडों में निवेश कर कटौती के लिए पात्र हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | इनकम टैक्स (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited