Tax Rules: भारत को नई टैक्स संहिता की जरूरत, जानें क्या है पूरा मामला

विशेषज्ञों ने कहा है कि समग्र रूप से नई कर संहिता की आवश्यकता है, जिसमें कम दर, कर आधार बढ़ाने, बेहतर संग्रह और विकसित भारत के लिए अनुपालन पर ध्यान केंद्रित किया जाए। वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट एक फरवरी को संसद में पेश किये जाने की संभावना है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के पूर्व चेयरमैन पी सी झा ने कहा, “यह निश्चित रूप से अच्छी स्थिति नहीं है कि जीएसटी के तहत हमारे पास इतनी सारी कर दरें हैं।

भारत को नई टैक्स संहिता की जरूरत, जानें क्या है पूरा मामला

Tax Rules: विशेषज्ञों ने कहा है कि समग्र रूप से नई कर संहिता की आवश्यकता है, जिसमें कम दर, कर आधार बढ़ाने, बेहतर संग्रह और विकसित भारत के लिए अनुपालन पर ध्यान केंद्रित किया जाए। अगले साल पेश होने वाले बजट से पहले उन्होंने यह बात कही। विशेषज्ञों ने कहा कि शुद्ध कर राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को गति देने और 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए कर की कुछ ही और कम दरें, कानूनी विवाद में कमी, समावेशी कर आधार और कुशल कर संग्रह पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

कब पेश होगा बजट?

वित्त वर्ष 2025-26 का आम बजट एक फरवरी को संसद में पेश किये जाने की संभावना है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के पूर्व चेयरमैन पी सी झा ने कहा, “यह निश्चित रूप से अच्छी स्थिति नहीं है कि जीएसटी के तहत हमारे पास इतनी सारी कर दरें हैं। आदर्श रूप से, जीएसटी में कर की एक दर होनी चाहिए, लेकिन हमारे देश में एक कर दर होना संभव नहीं है।” थिंक चेंज फोरम (टीसीएफ) के एक सेमिनार में उन्होंने कहा कि 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत को मिलाकर 16 प्रतिशत की एकल दर बनाई जा सकती है और तीन कर दरों (पांच प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 28 प्रतिशत) पर विचार किया जा सकता है।

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