ITR 2024: टैक्सेबल इनकम की कैल्कुलेशन कैसे करें? कौन-कौन सी आय होगी शामिल, यहां लीजिए पूरी जानकारी

How To File ITR: कैलकुलेशन से पहले, आपको टैक्स रिजीम चुननी होगी - नई या पुरानी। एक बार चुनने के बाद, इनकम सोर्स के अंतर्गत सही ITR फॉर्म भरें और चुनी हुई टैक्स रिजीम में उपलब्ध डिडक्शन या छूट के लिए क्लेम करें।

How To File ITR

आईटीआर कैसे फाइल करें?

मुख्य बातें
  • ITR फाइल करने की लास्ट डेट नजदीक
  • सिर्फ 31 जुलाई तक है मौका
  • टैक्सेबल इनकम की करें कैल्कुलेशन
How To File ITR: आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की लास्ट डेट (31 जुलाई, 2024) नजदीक आ रही है। इसलिए आपके लिए आईटीआर फाइल करने की प्रोसेस शुरू करने से पहले अपनी फाइनल टैक्स लायबिलिटी का पता होना जरूरी है। सभी सोर्सेज से कुल टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन कैसे की जाती है, यह समझना कुल टैक्स लायबिलिटी तय करने में महत्वपूर्ण है। आईटीआर फॉर्म को खुद भरते समय यह जरूरी हो जाता है। आइए जानिए अपनी टैक्सेबल इनकम कैलकुलेट करने का तरीका।
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इन इनकम की करें कैलकुलेशन

  • सैलरी से आय
  • घर की संपत्ति से आय
  • कैपिटल गेन्स से आय
  • बिजनेस और प्रोफेशन से आय
  • अन्य स्रोतों से आय
कुल टैक्सेबल इनकम की कैलकुलेशन हर इनकम सोर्स से सकल आय (Gross Income) को जोड़कर की जाती है। नेट टैक्सेबल इनकम तय करने के लिए, सकल आय से डिडक्शन को एडजस्ट किया जाना चाहिए।

टैक्स रिजीम चुनना

कैलकुलेशन से पहले, आपको टैक्स रिजीम चुननी होगी - नई या पुरानी। एक बार चुनने के बाद, इनकम सोर्स के अंतर्गत सही ITR फॉर्म भरें और चुनी हुई टैक्स रिजीम में उपलब्ध डिडक्शन या छूट के लिए क्लेम करें।

सैलरी इनकम

वित्त वर्ष 2023-24 में प्राप्त सैलरी या पेंशन टैक्सेबल (लिमिट से अधिक होने पर) है। यदि आपके एम्प्लॉयर ने आपके वेतन से TDS काटा है, तो फॉर्म 16 जारी किया जाता है, जिसमें TDS, भुगतान किया गया कुल वेतन, टैक्स रिजीम, छूट और क्लेम की गई कटौती की डिटेल होती है।
यदि कर्मचारी के वेतन से कोई TDS नहीं काटा गया है, तो हो सकता है कि कोई फॉर्म 16 जनरेट न हुआ हो और इसलिए कर्मचारी को TRACES वेबसाइट या अन्य जगहों पर वेतन TDS से संबंधित कोई फॉर्म 16 नहीं मिलेगा। फॉर्म 16 तभी जारी किया जाता है जब TDS काटकर आयकर विभाग में जमा कर दिया गया हो। ऐसे मामलों में, आप अभी भी सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट के आधार पर अपना ITR दाखिल कर सकते हैं।

हाउस प्रॉपर्टी से इनकम

होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर कटौती का क्लेम इसके तहत किया जाना चाहिए। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, किराये की संपत्तियों से आय की कैलकुलेशन भी यहाँ की जानी जरूरी है।

हाउस प्रॉपर्टी को इन कैटेगरी में बांटा जाता है

  • अपने कब्जे वाली संपत्ति
  • किराये की संपत्ति

कैपिटन गेन्स टैक्स

कैपिटन गेन्स से इनकम भूमि, घर, म्यूचुअल फंड, शेयर और सोने जैसी संपत्तियों की बिक्री पर मिले लाभ से जनरेट होती है। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, अलग-अलग टैक्स रेट के साथ शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म लाभ हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, धारा 54 और 54F के तहत कैपिटल गेन्स के लिए छूट की सीमा 10 करोड़ रुपये तय की गई है।
1 अप्रैल, 2023 से डेट म्यूचुअल फंड से होने वाले लाभ, इंडेक्सेशन बेनेफिट के बिना, आपकी इनकम टैक्स रेट के अनुसार टैक्सेबल हैं।

बिजनेस और प्रोफेशन से आय

इस मद में वायदा और विकल्प (F&O) में ट्रेडिंग, फ्रीलांसिंग या पेशेवर सेवाओं (जैसे, डॉक्टर, वकील) से होने वाली आय शामिल है।

अन्य स्रोतों से आय

इनमें अनस्पेसिफाइड इनकम शामिल हैं। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए शुरू की गई एक नई धारा 115 BBJ, ऑनलाइन गेम से जीत पर 30% की दर से टैक्स लगाती है। इसके अतिरिक्त, नॉन-रेसिडेंशियल को 50,000 रुपये से अधिक के गिफ्ट टैक्सेबल हैं।

सकल कुल आय (Gross Total Income)

सभी पाँच मदों से कुल आय सकल कुल आय है। डिडक्शन के बाद ये राशि घटकर नेट टैक्सेबल इनकम पर पहुँचती है। इसके बाद टैक्स लायबिलिटी की कैलकुलेशन नेट टैक्सैबल इनकम पर की जाती है, जिसमें लागू होने पर सेस और सरचार्ज भी शामिल होते हैं।
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काशिद हुसैन author

काशिद हुसैन अप्रैल 2023 से Timesnowhindi.Com (टाइम्स नाउ नवभारत) के साथ काम कर रहे हैं। यहां पर वे सीनियर कॉरेस्पोंडेंट हैं। टाइम्स नाउ नवभारत की ब...और देखें

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