New TDS Rules From 1 April 2025: 1 अप्रैल से लागू होंगे नए डीटीएस नियम, जानिए आप पर कितना पड़ेगा असर
New TDS rules from 1 April 2025: वित्तीय वर्ष 2025-26 शुरु होते ही नया स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) नियम लागू हो जाएगा। आइए जानते हैं टैक्सपेयर्स, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), रेकरिंग डिपॉजिट (RD) पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

एक अप्रैल से नया टीडीएस नियम (तस्वीर-Canva)
New TDS rules from 1 April 2025: नया वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शु्रू होने जा रहा है। इस दिन इनकम टैक्स और टैक्स को लेकर कई बदलाव हो जाएंगे क्योंकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) नियमों में बड़े संशोधन किए गए हैं, जिसका उद्देश्य टैक्सपेयर्स, खासकर वरिष्ठ नागरिकों, निवेशकों और कमीशन से कमाने वालों को वित्तीय राहत प्रदान करना है। यहां 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले प्रमुख परिवर्तनों का डिटेल दिया गया है।
सीनियर सिटिजन्स के लिए TDS सीमा
केंद्रीय बजट 2025 में मिडिल क्लास और सीनियर सीटिजन्स के हाथों में अधिक पैसा डालने का प्रस्ताव किया गया है। इसे प्राप्त करने के लिए सीनियर सिटिजन्स के लिए सीमा को दोगुना कर दिया गया है। 1 अप्रैल से फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), रेकरिंग डिपॉजिट (RD) आदि से ब्याज आय केवल तभी कटौती के अधीन होगी, जब बैंक में कुल मिलाकर राशि सीनियर सीटिजन्स के लिए 1 वित्तीय वर्ष में 1 लाख रुपये से अधिक हो। इसका मतलब है कि अगर कोई सीनियर सिटिजन्स अपनी ब्याज आय 1 लाख रुपये से कम रखता है, तो बैंक कोई TDS नहीं काटेगा।
सामान्य नागरिकों के लिए TDS सीमा
गैर-सीनियर सिटिजन्स (सामान्य नागरिकों) के लिए सरकार ने अप्रैल 2025 से प्रभावी ब्याज आय के लिए टीडीएस सीमा को 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। इस कदम का उद्देश्य जमाकर्ताओं पर टैक्स का बोझ कम करना है, विशेष रूप से वे जो आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में FD ब्याज पर निर्भर हैं। संशोधित नियमों के अनुसार, अगर कुल वार्षिक ब्याज राशि 50,000 रुपये से अधिक है, तो बैंक टीडीएस काट लेगा। हालांकि अगर कोई सामान्य नागरिक अपनी ब्याज आय को 50,000 रुपये की सीमा के भीतर रखता है, तो बैंक कोई TDS नहीं काटेगा।
लॉटरी जीत और घुड़दौड़ दांव पर TDS सीमा
सरकार ने एक वित्तीय वर्ष में 10,000 रुपये की कुल सीमा को हटाकर लॉटरी, क्रॉसवर्ड पहेली और घुड़दौड़ से जीत से संबंधित TDS नियमों को सरल बना दिया है। पहले एक वर्ष में कुल जीत 10,000 रुपये से अधिक होने पर TDS काटा जाता था, भले ही वे कई छोटी राशियों में प्राप्त हुए हों। अब TDS केवल तभी काटा जाएगा जब एक लेनदेन 10,000 रुपये से अधिक हो।
बीमा और ब्रोकरेज कमीशन के लिए TDS सीमा
बजट 2025 ने बीमा एजेंटों और ब्रोकरों को राहत प्रदान करते हुए विभिन्न कमीशन के लिए TDS सीमा भी बढ़ा दी है। बीमा कमीशन के लिए TDS सीमा 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये कर दी गई है, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इन परिवर्तनों का उद्देश्य अनुपालन बोझ को कम करना और इन क्षेत्रों में छोटे आय वालों के लिए बेहतर नकदी प्रवाह सुनिश्चित करना है।
एमएफ या स्टॉक पर TDS सीमा
म्यूचुअल फंड (MF) या स्टॉक में निवेशकों को MF यूनिट्स या विशिष्ट कंपनियों से अर्जित लाभांश और आय पर छूट सीमा 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करने से लाभ होगा।
लाभांश पर TDS के लिए सीमा
बजट ने लाभांश टैक्स कटौती सीमा को भी 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाली नई सीमा से इक्विटी और एमएफ निवेशकों को अपने हाथ में अधिक धन रखने की अनुमति मिलेगी, क्योंकि लाभांश आय 10,000 रुपये से अधिक होने पर स्रोत पर टैक्स काट लिया जाएगा।
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