Budget 2024: अब 5 साल से पुराने मामले पर नहीं मिलेगा टैक्स नोटिस, छोटे टैक्सपेयर्स को फायदा, जानें-नए नियम

Budget 2024: इस प्रस्ताव से मुकदमों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि मैं रीओपन और रीएसेसमेंट के प्रावधानों को पूरी तरह से आसान बनाने का प्रस्ताव करती हूं। ये प्रावधान 1 सितंबर, 2024 से प्रभावी होने जा रहे हैं।

ITR को लेकर बदला ये नियम

Budget 2024: बजट 2024 में टैक्सपेयर्स को एक बड़ी राहत देने की शुरुआत की गई है। अब टैक्स अधिकारी तय डेडलाइन के बाद पुराने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) को फिर से ओपन नहीं कर सकते हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए कहा कि मैं रीओपन और रीएसेसमेंट के प्रावधानों को पूरी तरह से आसान बनाने का प्रस्ताव करती हूं। एसेसमेंट ईयर के अंत से मैक्सिमम पांच साल की अवधि तक, अगर बची हुई इनकम 50 लाख रुपये या उससे अधिक है तो इस तरह के मामले को रीओपन किया जा सकता है।

मुकदमों में कमी आने की उम्मीद

इस प्रस्ताव से मुकदमों की संख्या में कमी आने की उम्मीद है। बजट स्पष्टीकरण ज्ञापन में कहा गया है कि सामान्य मामलों में, धारा 148ए के तहत कोई नोटिस जारी नहीं किया जाएगा, यदि संबंधित टैक्स निर्धारण वर्ष के अंत से तीन वर्ष बीत चुके हैं। संबंधित टैक्स निर्धारण वर्ष के अंत से तीन वर्ष की अवधि के बाद नोटिस केवल कुछ खास मामलों में ही जारी किया जा सकता है। ये प्रावधान 1 सितंबर, 2024 से प्रभावी होने जा रहे हैं।

आसान भाषा में समझिए

उदाहरण के लिए अगर वित्तीय वर्ष 2023-24 में बची हुई इनकम 50 लाख रुपये से कम है, जिसके लिए निर्धारण वर्ष 2024-25 में आईटीआर दाखिल किया गया है, तो टैक्स अधिकारी 31 मार्च 2028 के बाद इस मामले को फिर से नहीं खोल सकते हैं या आईटीआर का रीएसेसमेंट नहीं कर सकते हैं।
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