ITR वेरिफिकेशन के लिए बचे हैं बहुत कम दिन, जल्द कर लें ये काम, नहीं तो होंगी ये परेशानियां
ITR Verification Deadline: अगर आपने 31 जुलाई 2024 तक आईटीआर दाखिल किया है और उसका वेरिफिकेशन नहीं किया है तो 30 अगस्त तक कर लें। नहीं तो आप कई परेशानियों में पड़ जाएंगे।
आईटीआर वेरिफिकेशन क्यों जरूरी (तस्वीर-Canva)
ITR Verification Deadline: इनकम टैक्स विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 31 जुलाई 2024 तक 7.28 करोड़ से अधिक लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए हैं। जिनमें से करीब 5 करोड़ 26 जुलाई 2024 तक दाखिल किए जा चुके थे। इसका मतलब है कि 2.28 करोड़ (7.28 करोड़-5 करोड़) आईटीआर 27 जुलाई से 31 जुलाई 2024 के बीच दाखिल किए गए। जुलाई के अंतिम दिनों में दाखिल किए गए 2.28 करोड़ आईटीआर के लिए, आईटीआर को वेरिफाई करने की समय सीमा 26 अगस्त से 30 अगस्त 2024 के बीच आती है। इसलिए अगर आपने इन तिथियों के बीच अपना आईटीआर जमा किया है और अभी तक इसे वेरिफाई नहीं किया है तो जुर्माना के साथ देर से आईटीआर दाखिल करने से बचने के लिए इसे तुरंत करना जरूरी है।
30 दिनों के भीतर आईटीआर का वेरिफिकेशन जरूरी
इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक ई-वेरिफिकेशन या ITR-V (ऑफलाइन प्रक्रिया) जमा करने की समय सीमा ITR दाखिल करने की तिथि से 30 दिन है। इनकम टैक्स विभाग के अनुसार 20 अगस्त 2024 तक दाखिल किए गए ITR की कुल संख्या 7,41,37,596 थी। आंकड़ों से यह भी पता चला कि 20 अगस्त 2024 को शाम 6 बजे तक 7,09,89,014 (करीब 7.09 करोड़) आईटीआर वेरिफाई किए गए। इसका मतलब है कि 20 अगस्त 2024 तक करीब 32 लाख आईटीआर (7,41,37,596 माइनस 7,09,89,014 = 31,48,582) दाखिल किए गए, लेकिन वेरिफाई नहीं किए गए। हालांकि 19 अगस्त तक वेरिफाई आईटीआर की कुल संख्या में 31 जुलाई के बाद दाखिल किए गए आईटीआर भी शामिल हो सकते हैं, हालांकि 31 जुलाई 2024 तक दाखिल किए गए 7.28 करोड़ आईटीआर में से कम से कम 19 लाख आईटीआर (7.28 माइनस 7.09 करोड़) का वेरिफिकेशन होना बाकी है।
आईटीआर का वेरिफिकेशन क्यों जरूरी
आईटीआर की प्रोसेसिंग और टैक्स रिफंड पाने के लिए आईटीआर का वेरिफिकेशन जरूरी है। इनकम टैक्स एक्ट के प्रावधानों के अनुसार इस समय अवधि की गणना 30वें दिन को शामिल करते हुए की जाएगी। धारा 139(1) के तहत दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न को आईटीआर प्रस्तुत करने की तारीख से 30 दिनों की अवधि के भीतर वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए। इसलिए अगर आईटीआर 31 जुलाई 2024 को दाखिल किया गया है, तो इसे 30 अगस्त 2024 तक वेरिफाई किया जाएगा। जब आपने ऑनलाइन आईटीआर दाखिल किया है, लेकिन वेरिफिकेशन के लिए आईटीआर-वी (ऑफलाइन प्रक्रिया) का इस्तेमाल किया है और यह फॉर्म आईटीआर दाखिल करने की तारीख से 30 दिनों के बाद जमा किया जाता है या सीपीसी तक पहुंचता है, तो यह माना जाएगा कि आपने आईटीआर दाखिल नहीं किया है। इसलिए एक्ट के तहत आईटीआर को देर से दाखिल करने के सभी परिणाम भुगतने होंगे।
नहीं मिलेगा टैक्स रिफंड
अगर आपको इनकम टैक्स रिफंड मिलना है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल किए बिना यह नहीं मिलेगा। अगर आप 31 जुलाई 2024 तक आईटीआर दाखिल करने से चूक गए हैं या 31 जुलाई 2024 तक आईटीआर दाखिल कर दिया है लेकिन 30 दिन की समय सीमा समाप्त होने से पहले इसे वेरिफाई नहीं किया है, तो आप विलंबित आईटीआर दाखिल कर सकते हैं। इसलिए अगर आपने अपना आईटीआर दाखिल कर दिया है, तो आपको 30 दिन की समय सीमा समाप्त होने से पहले इसे वेरिफाई कर लेना चाहिए; अन्यथा आपको टैक्स रिफंड नहीं मिल सकता है।
वेरिफिकेशन न करने पर फिर से दाखिल करना होगा आईटीआर
30 दिन की समय-सीमा के भीतर जमा किए गए ITR का वेरिफिकेशन न करने पर विलंबित ITR दाखिल करना होगा और देरी से दाखिल करने के परिणाम जैसे कि सेक्शन 234F के तहत 5,000 रुपये का विलंब शुल्क (अगर कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक नहीं है तो 1,000 रुपये तक सीमित) देना होगा। इसके अलावा अगर आपने 30 दिनों की समय-सीमा से पहले दाखिल किए गए ITR का सत्यापन नहीं किया है और ITR दाखिल करने की समय-सीमा (31 जुलाई, 2024) समाप्त हो गई है, तो आप पुरानी टैक्स व्यवस्था नहीं चुन पाएंगे।
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