FD Tax Rules: क्या हैं फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स नियम? और चेक करें लेटेस्ट ब्याज दरें
FD Income Tax Rules And Interest Rates: टैक्स बचत के लिए लोग कई तरह के निवेश करते हैं, उनमें से एक फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी भी है। लेकिन इसे लेने से पहले यहां बताए गए इनकम टैक्स के नियमों को भी जान लें। साथ ही लेटेस्ट ब्याज दरें भी जानिये।
जानें एफडी टैक्स रूल्स और ब्याज दरें (तस्वीर-Canva)
FD Income Tax Rules And Interest Rates: टैक्स बचत फाइनेंशियल प्लानिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और कई ऐसे निवेश विकल्प हैं जो इसमें मदद कर सकते हैं। अगर आप अपने पोर्टफोलियो के लिए कम जोखिम वाले निवेश विकल्प ढूंढ रहे हैं, तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर विचार करें। यह एक ऐसा कम जोखिम वाला निवेश है, जो सुनिश्चित और स्थिर रिटर्न प्रदान करता है। फिक्स्ड डिपॉजिट अलग-अलग अवधि के लक्ष्यों के लिए उपयुक्त है और आपके पोर्टफोलियो के जोखिम को कम करने में मदद करता है। हालांकि, किसी अन्य निवेश की तरह, FD भी कुछ टैक्स नियमों के अधीन है, जो आपके अंतिम रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। इन टैक्स नियमों को समझने से आप यह तय कर सकते हैं कि FD आपके लिए सही है या नहीं, और अप्रत्याशित टैक्स देनदारी से बच सकते हैं।
ब्याज पर इनकम टैक्स
फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाली ब्याज आय "अन्य स्रोतों से आय" (Income from Other Sources) के अंतर्गत आती है। यह आय आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में जोड़ दी जाती है और लागू टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है। उदाहरण के लिए अगर आप 20% टैक्स स्लैब में आते हैं और FD से 55,000 रुपये का ब्याज प्राप्त करते हैं, तो यह ब्याज आपकी कुल टैक्सेबल इनकम में जोड़ दिया जाएगा, और आपको इस पर 20% टैक्स देना होगा।
टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS)
अगर किसी वित्तीय वर्ष में आपकी FD से ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक हो जाती है, तो बैंक और वित्तीय संस्थान ब्याज पर स्रोत पर टैक्स कटौती (TDS) करते हैं। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा थोड़ी अधिक 50,000 रुपये है। अगर आपने बैंक को अपना पैन नंबर देते है, तो TDS की दर आमतौर पर 10% होती है। हालांकि अगर आपकी टोटल टैक्सेबल इनकम टैक्सेबल सीमा से कम है, तो आप TDS कटौती से बच सकते हैं। इसके लिए 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को फॉर्म 15G और वरिष्ठ नागरिकों को फॉर्म 15H जमा करना होगा।
प्री-मैच्योर विड्रॉल पर टैक्स
FD से समय से पहले विड्रॉल पर आमतौर पर जुर्माना लगता है, और इस पर मिलने वाली ब्याज आय पर आपके टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा। प्री-मैच्योर विड्रॉल पर लगाया गया जुर्माना आपकी कुल ब्याज आय को कम कर सकता है, लेकिन यह जुर्माना टैक्स कटौती योग्य नहीं होता।
टैक्स-बचत FD से ब्याज पर टैक्स
टैक्स-बचत FD इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट के योग्य होती है। इसके तहत ऐसे FD में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश टैक्सेबल इनकम से छूट प्राप्त कर सकता है, जिससे आपकी टैक्स देनदारी कम होती है। हालांकि ऐसे FD से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगाया जाता है और अगर यह 40,000 रुपये से अधिक हो, तो TDS भी लागू होता है। FD में निवेश से करते समय, यह समझना आवश्यक है कि आपके निवेश पर टैक्स का क्या प्रभाव पड़ेगा। अगर आप FD खोलने की योजना बना रहे हैं, तो प्रमुख निजी बैंकों द्वारा प्रदान की जा रही ब्याज दरों की जांच करना न भूलें।
बैंक और फिक्स्ड डिपॉजिट ब्याज दरें (1-2 वर्ष की अवधि)
बैंक | ब्याज दर (1-2 वर्ष की अवधि) |
आरबीएल बैंक | 8.10% |
बंधन बैंक | 8.05% |
डीसीबी बैंक | 8.05% |
इंडसइंड बैंक | 7.99% |
यस बैंक | 7.75% |
टीएनएससी बैंक | 7.75% |
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक | 7.75% |
कैथोलिक सीरियन बैंक | 7.75% |
तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक | 7.50% |
करूर वैश्य बैंक | 7.50% |
(डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल बैंक बाजार डॉट कॉम की सीनियर कम्युनिकेशन मैनेजर मालविका सिंघल ने लिखी है, यह सिर्फ जानकारी के लिए है किसी भी तरह के निवेश की सलाह नहीं है, अगर आप कहीं भी निवेश करना चाहते हैं तो एक्सपर्ट से संपर्क करें)
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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