New Income Tax Law: नए इनकम टैक्स कानून में क्या-क्या बदलेगा? मिले सुझाव, बस मुहर लगना बाकी!

New Income Tax Law: मोदी सरकार नया इनकम टैक्स बिल लाने जा रही है। पुराने इनकम टैक्स कानून में कई तरह के बदलाव होंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को बड़े पैमाने पर सुझाव मिले हैं। यहां जानिए ये क्या-क्या हैं।

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बदलेगा इनकम टैक्स कानून (तस्वीर-Canva)

New Income Tax Law: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने रविवार को कहा कि पुराने प्रत्यक्ष कर कानून की समीक्षा कर रही इनकम टैक्स विभाग की आंतरिक समिति को कानून की भाषा सरल बनाने, प्रावधानों को बेहतर ढंग से पेश करने और संभावित कराधान जैसी योजनाओं का दायरा बढ़ाने के लिए 'बड़े पैमाने पर' सुझाव मिले हैं। अग्रवाल ने कहा कि समीक्षा पैनल ने ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कुछ अन्य देशों में की गई इसी तरह की समीक्षा कार्रवाई से जुड़े विचार-विमर्श और प्रक्रियाओं का भी अध्ययन किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल के अपने बजट भाषण में इनकम टैक्स एक्ट 1961 की व्यापक समीक्षा किए जाने की घोषणा की थी। इस समीक्षा का उद्देश्य इस भारी भरकम एक्ट को संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाना था ताकि कर विवादों में कमी आए और करदाताओं को अधिक कर निश्चितता मिले।

इसके बाद इनकम टैक्स विभाग की एक आंतरिक समिति बनाई गई जिसने जनता से चार श्रेणियों- भाषा का सरलीकरण, मुक़दमेबाजी में कमी, अनुपालन में कमी और अनावश्यक या अप्रचलित प्रावधान पर सुझाव आमंत्रित किए थे। समीक्षा समिति को विभिन्न हितधारकों से आयकर कानून में संशोधनों से जुड़े करीब 6,500 सुझाव मिले हैं।

सीतारमण ने शनिवार को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार आने वाले सप्ताह में संसद में नया आयकर विधेयक पेश करेगी, जो 1961 के आयकर कानून की जगह लेगा। इस बारे में अग्रवाल ने कहा कि आंतरिक समिति को अधिनियम की भाषा के सरलीकरण, विभिन्न प्रावधानों की संरचना के बारे में सुझाव मिले और संभावित कराधान लागू होने की संभावना वाले क्षेत्रों को लेकर बड़े पैमाने पर सुझाव मिले।

संभावित टैक्सेशन योजना छोटे करदाताओं को कुछ परिस्थितियों में नियमित बही-खाता बनाए रखने के थकाऊ काम से राहत देने का काम करती है। इस योजना को चुनने वाला व्यक्ति एक निर्धारित दर पर आय घोषित कर सकता है और इसके बदले में उसे लेखा परीक्षा के लिए बही-खाता रखने से राहत मिलती है।

सीबीडीटी प्रमुख ने नए आयकर विधेयक के बारे में कहा कि इसे जिस तरह से तैयार किया गया है, वह करदाता के लिए वास्तव में अधिनियम के प्रावधानों की समझ को आसान बनाना है। इसके अलावा इसमें कुछ पुराने प्रावधानों को भी हटाया जा सकता है।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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