कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर बढ़ाने की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला

Crude & Refined Palm Oil: 3 लाख करोड़ रुपये के भारतीय खाद्य तेल उद्योग का काफी महत्व है। पिछले 12 वर्षों में इंडोनेशिया और मलेशिया ने रिफाइंड तेल की तुलना में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर अधिक निर्यात टैक्स लगाया है।

कच्चा और रिफाइंड पाम तेल

मुख्य बातें
  • कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच बढ़े शुल्क अंतर
  • एसईए ने उठाई मांग
  • इंडोनेशिया-मलेशिया ने कच्चे पाम तेल सीपीओ पर बढ़ाया निर्यात टैक्स

Crude & Refined Palm Oil: खाद्य तेल उद्योग के निकाय एसईए (Solvent Extractor's Association of India) ने घरेलू इंडस्ट्री के संरक्षण के लिए सरकार से कच्चे और रिफाइंड पाम तेल के बीच शुल्क अंतर को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की मांग की है।

एसईए के अध्यक्ष अजय झुनझुनवाला ने संगठन के सदस्यों को लिखे एक पत्र में कहा है कि भारतीय वनस्पति तेल (खाद्य और गैर-खाद्य तेल मिलाकर) रिफाइनिंग इंडस्ट्री इस समय चुनौतियों का सामना कर रहा है।

3 लाख करोड़ रुपये का है भारतीय खाद्य तेल उद्योग

झुनझुनवाला ने बयान में कहा 3 लाख करोड़ रुपये के भारतीय खाद्य तेल उद्योग का काफी महत्व है। पिछले 12 वर्षों में इंडोनेशिया और मलेशिया ने रिफाइंड तेल की तुलना में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर अधिक निर्यात टैक्स लगाया है। इससे रिफाइंड तेल सस्ता हो गया है जिससे भारतीय रिफाइनिंग क्षमता बेकार हो गई है।

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