दुनिया के टॉप CEO भारत में करना चाहते हैं निवेश, चीन से बनाई दूरी; सर्वे में खुलासा

Global Operations Benchmarking Survey: हर कंपनी अपने ऑफिस या बिजनेस एक ऐसी जगह लगाना चाहती है जहां का व्यापार करना सरल हो और शांति हो। ऐसे में दुनिया की मल्टी नेशनल कपनियां चीन के विकल्प के बजाय भारत को अपना टॉप स्थान चुन रही हैं।

India Becoming Favorite Destination Of Multinational Companies

सीईओ भारत को अपना टॉप स्थान चुन रहे हैं।

Global Operations Benchmarking Survey: हर कंपनी अपने ऑफिस या बिजनेस एक ऐसी जगह लगाना चाहती है जहां का व्यापार करना सरल हो और शांति हो। ऐसे में दुनिया की मल्टी नेशनल कपनियां चीन के विकल्प के बजाय भारत को अपना टॉप स्थान चुन रही हैं। इस बात का खुलासा विदेशों में बी2बी फर्मों को लीड करने वाले 100 सीईओ के एक सर्वेक्षण में सामने आया है। जिसे ईटी ने रिपोर्ट किया है।
इसके मुताबिक सीईओ वियतनाम, थाईलैंड और अपने घरेलू देशों को भी संभावित विकल्प मानते हैं। कंपनियां चीन को विकल्प चुनने में पीछे हट रही हैं। जिसेक पीछे की वजह बढ़ती भू-राजनीतिक मुखरता, संदिग्ध व्यापार और बढ़ती श्रम लागत को बताया गया है। ऐसे में 88% सीईओ जिन्होंने रिसर्च फर्म IMA इंडिया के 2023 ग्लोबल ऑपरेशंस बेंचमार्किंग सर्वे में भाग लिया, ने चीन की बजाय भारत को अपने प्राथमिक विकल्प के रूप में चुना।
आईटी कंपनियां भारत की तरफ कर रही रुख
सर्वेक्षण भारत में उपस्थिति वाली कंपनियों के बीच चलाया गया था। पिछले पांच सालों में विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने आंशिक रूप से चीन से विविधीकरण की वजह से भारत में अपनी उपस्थिति में वृद्धि की है। खासतौर से, आईटी और आईटीईएस कंपनियां अपने वैश्विक कार्यबल की हिस्सेदारी बढ़ा रही हैं जो भारत में स्थित है।
इन वजह से चीन से बना रहीं दूरी
सर्वेक्षण पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 70% फर्मों ने पिछले तीन वर्षों में चीन में अपनी व्यावसायिक रणनीतियों और जमीनी संचालन में काफी बदलाव देखा है। औद्योगिक क्षेत्र सेवा क्षेत्र की तुलना में अधिक प्रमुख पुल-बैक दिखाता है। परिवर्तनों को लागू करने वालों में 56% ने चीन से अपनी सोर्सिंग कम कर दी है और 41% ने निवेश कम कर दिया है। जबकि एक अल्पसंख्यक पूरी तरह से बाहर निकल गया, सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों में से 6% ने अपने बाजार जुड़ाव को कम कर दिया है।

भारत की अनुमानित वैश्विक हिस्सेदारी 22.4% से बढ़कर 24.9%

शोध ने इस बात की भी जांच की कि व्यावसायिक और भू-राजनीतिक रणनीतियों में हालिया बदलावों को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय भारत द्वारा प्रस्तुत अवसरों को कैसे देख रहे हैं और उनका लाभ उठा रहे हैं। FY18 से FY23 तक, कार्यबल में भारत की अनुमानित वैश्विक हिस्सेदारी 22.4% से बढ़कर 24.9% हो गई है, जबकि राजस्व हिस्सेदारी 14.8% से बढ़कर 15.8% हो गई है।

सर्वे में शामिल 80% से अधिक कंपनियों ने ये कहा

ये आंकड़े इस अवधि के दौरान वैश्विक मंच पर भारत के लिए वृद्धिशील वृद्धि को प्रदर्शित करते हैं। अध्ययन के अनुसार, सेवा-आधारित कंपनियों की तुलना में विनिर्माण कंपनियों के एक बड़े हिस्से ने चीन के विकल्प के रूप में भारत, वियतनाम या थाईलैंड को चुना है। यह प्रवृत्ति बताती है कि कई व्यवसाय सक्रिय रूप से अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं को समाप्त करने की आवश्यकता पर विचार कर रहे हैं। सर्वेक्षण में शामिल 80% से अधिक सेवा कंपनियों ने कहा कि उनके भारतीय परिचालन का हालिया विस्तार कुछ हद तक चीन-प्लस रणनीति से संबंधित विचारों से प्रभावित था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | बिजनेस (business News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

आशीष कुशवाहा author

आशीष कुमार कुशवाहा Timesnowhindi.com में बतौर सीनियर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। वह मई 2023 से Timesnowhindi.com के साथ जुड़े हैं। वह यहां शेयर बाजा...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited