चीन की राह पर कनाडा ! भारत हुआ सख्त तो लगेगा तगड़ा झटका,अकेले इसके 1.70 लाख करोड़ दांव पर

India-Canada Relation And Investment Risk: CPPIB ने भारत में एक साल पहले तक करीब 21 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है। इसमें से करीब 9600 करोड़ रुपये देश के प्रमुख प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा बैंक में निवेश कर रखा है।

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भारत और कनाडा के तल्ख होते रिश्ते

India-Canada Relation And Investment Risk: भारत और कनाडा के बीच बढ़ते टेंशन से दोनों देशों के बीच हो रहे बिजनेस पर असर पड़ने की आशंका है। जिसका सबसे ज्यादा असर कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों से लेकर भारत की कई दिग्गज कंपनियों पर दिख सकता है। जिसमें कोटक महिंद्रा बैंक से लेकर नायका, जोमैटो, पेटीएम जैसी कंपनियां शामिल है। इन भारतीय कंपनियों में कनाडा के सबसे बड़े पेंशन फंड मैनेजर कनेडियन पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) का निवेश है। ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच रिश्ते तल्ख होते हैं, तो कई तरह के प्रतिबंधों का ऐलान हो सकता है। यह ठीक उसी राह की ओर चल सकता है जैसा कि भारत और चीन के बीच चल रहा है। इसमें भारत ने कई चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगा रखा है। और कई चाइनीज कंपनियों के भारतीय निवेश और होने वाली कमाई जांच के घेरे में है। कनाडा भारत में 17 वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। और उसने साल 2000 के बाद से करीब 3.6 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है।

कौन है कनेडियन पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB)

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार CPPIB ने भारत में एक साल पहले तक करीब 21 अरब डॉलर (1.7 लाख करोड़ रुपये) का निवेश कर रखा है। इसमें से करीब 9600 करोड़ रुपये देश के प्रमुख प्राइवेट बैंक कोटक महिंद्रा बैंक में निवेश कर रखा है।

इसी तरह जोमैटो,पेटीएम और नाइका में पेंशन फंड की हिस्सेदारी है। जून तिमाही के आंकड़ों के अनुसार जोमैटो में 2,078 करोड़ रुपये, पेटीएम पेटीएम में 1.76 973 करोड़ रुपये है। नायका में करीब 625 करोड़ रुपये कि निवेश है। इसके अलावा डेल्हीवरी, इंडस टावर्स ने भी निवेश कर रखा है।

कनाडा के तीन सबसे बड़े पेंशन फंड कुल मिलाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये मैनेज करते हैं।

इंफोसिस, विप्रो जैसी कंपनियों के कनाडा में निवेश

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार कनाडा में करीब 30 भारतीय कंपनियों ने निवेश कर रखा है। इसमें इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस जैसी प्रमुख कंपनियों ने कनाडा में अरबों डॉलर का निवेश कर रखा है। इसी तरह बंबार्डियर जैसे 600 कंपनियों ने भारत में निवेश कर रखा है।

कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर असर

रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में कनाडा में करीब 3.20 लाख भारतीय छात्र पढ़ते थे। जो कि कनाडा में पढ़ने वाले कुल विदेशी छात्रों का 40 फीसदी है। ऐसे में अगर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते तल्ख होते हैं,तो उसका सीधा असर कनाडा की इनकम पर होगा।

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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