India-China Trade: भारत के आयात में बढ़ी चीन की हिस्सेदारी, टेलीकॉम और मशीनरी पर निर्भरता का दिखा असर
India Import From China: ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत की चाइनीज वस्तुओं पर निर्भरता, खासकर टेलीकॉम और मशीनरी जैसे सेक्टरों में, बढ़ी है।
भारत के आयात में बढ़ी चीन की हिस्सेदारी
- भारत के आयात में बढ़ा चीन का हिस्सा
- कुल आयात में चीन की 30% हिस्सेदारी
- टेलीकॉम और मशीनरी पर निर्भरता बढ़ी
India Import From China: भारत का चीन से आयात बढ़ा है। बीते 15 सालों में भारत के आयात में चीन की हिस्सेदारी 21 फीसदी से बढ़कर 30 फीसदी हो गई है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत की चाइनीज वस्तुओं पर निर्भरता, खासकर टेलीकॉम और मशीनरी जैसे सेक्टरों में, बढ़ी है। इन सेक्टरों में भारत की चीन के सामानों पर निर्भरता बढ़ने से ही देश के आयात में चीन की हिस्सेदारी बढ़ी है। इसका नतीजा ये हुआ है कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़ा है और 5 सालों में 387 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।
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कितना रहा आयात-निर्यात
2019 से 2024 तक, भारत का चीन को निर्यात लगभग 16 बिलियन डॉलर सालाना पर स्थिर रहा है, जबकि चीन से आयात 2018-19 में 70.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 101 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। इसके नतीजे में व्यापार घाटा पाँच वर्षों में 387 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया।
टोटल व्यापारिक आयात कितना रहा
2023-24 में, भारत का कुल व्यापारिक आयात 677.2 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें से 101.8 बिलियन डॉलर चीन से आया। इसका मतलब है कि भारत के कुल आयात में चीन की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत थी।
चीन से आयातों में से 100 बिलियन डॉलर या 98.5 प्रतिशत सामान प्रमुख इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट कैटेगरी का रहा।
फ्यूचर को लेकर बढ़ी चिंता
GTRI की रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और केमिकल सहित उन प्रमुख क्षेत्रों का जिक्र किया गया है, जिनमें भारत का चीन से आयात बढ़ा है। रिपोर्ट में भारत से इन घरेलू इंडस्ट्रीज को मजबूत करने का आग्रह भी किया गया है।
चीन की भूमिका ऊर्जा, टेलीकॉम और ऑटोमोटिव जैसे अहम सेक्टरों तक फैली हुई है, जिससे भविष्य के बाजार लीडरशिप को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं।
डायवर्सिफाइड सप्लाई चेन की जरूरत
रिपोर्ट के अनुसार चीन के साथ ट्रेड डेफिसिट बढ़ना रणनीतिक और आर्थिक चिंता का संकेत है। जीटीआरआई के अजय श्रीवास्तव चीन पर निर्भरता कम करने के लिए डायवर्सिफाइड सप्लाई चेन की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
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